गौरतलब है, रेलवे स्टेशन पर रोजाना करीब 180 यात्री ट्रेनों का आना-जाना लगा रहता है। सुबह व शाम के वक्त हर दस मिनट में एक ट्रेन गुजरती है। ऐसे में हर दिन बड़े हादसे की आशंका बनी रहती है। भीड़ से बचने के लिए यात्री आरओबी की बजाय पटरियों से ही प्लेटफॉर्म की ओर भागते हैं। यहां एेसे नजारे भी आम हैं जहां लोग महिलाओं व बच्चों को भी पटरियां पार करा देते हैं।
स्टेशन पर अवैध वेण्डरों की भरमार है। वे खुलेआम प्लेटफॉर्म और ट्रेनों में अमानक व दूषित खाद्य सामग्री बेखौफ बेच रहे हैं। रेलवे के कॉमर्शियल विभाग व आरपीएफ की छुटपुट कार्रवाई के बावजूद सतना स्टेशन पर अवैध वेंडरों की धमाचौकड़ी कम नहीं हुई है। हालांकि दो दिन आज व कल अवैध वेंडर स्टेशन पर नजर नहीं आएंगे। एेसा इसलिए कि दो दिन तक जोन के वाणिज्यिक महाप्रबंधक एसएस दास सतना में होंगे।
स्टेशन पर आटोमीटिक टिकट वेडिंग मशीन बंद होने से जनरल कैटेगरी का टिकट लेने में यात्रियों को असुविधा हो रही है। काफी समय से यहां 2 मशीनें बंद हैं। रेल यात्रियों व रेलवे स्टाफ के लिए सतना स्टेशन पर 70 लाख रुपए खर्च कर शुरु की गई वाई-फाई सेवा दो माह बाद भी सिग्नल की समस्या से जूझ रही है। दावा किया गया था कि वाई-फाई के जरिए 19 प्वॉइंट पर एक साथ करीब 4800 यूजर्स को एक साथ इंटरनेट कनेक्टिविटी मिलेगी। स्टेशन परिसर पर यदि किसी यूजर के मोबाइल से वाई-फाई कनेक्ट भी हो जाता है तो उसे ब्राउजिंग में धीमी इंटरनेट स्पीड मिल रही है।
जंक्शन पर यात्रियों को ठंडा पानी नसीब नहीं हो रहा। 5 रुपए में एक लीटर मिनरल वाटर देने वाली मशीनें चालू-बंद हो रही हैं। प्लेटफॉर्म 1 व 2 के कई नलों में ठण्डा पानी सप्लाई करने के लिए दो दर्जन वाटर कूलर में ज्यादातर बेमतलब हो गए हैं। वेंडिंग मशीनें बंद होने व वाटर कूलर द्वारा ठंडा पानी नहीं होने के चलते स्टेशन आने वाले व रनिंग पैसेंजर को मजबूरी में बीस रुपए की पानी बॉटल खरीदनी पड़ रही है।