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सतना

SATNA: नियम विरुद्ध हुई बीएसी सीएसी की काउंसलिंग, कलेक्टर प्रतिनिधि का हस्ताक्षर से इंकार

पुरानी वरिष्ठता सूची के आधार पर तय प्रक्रिया के विरुद्ध कराई काउंसलिंग
 

सतनाJan 13, 2020 / 01:21 am

Ramashankar Sharma

SATNA: BAC CAC counseling against rules

SATNA: BAC CAC counseling against rules

सतना. राज्य शासन के नियमों के विपरीत जाकर जिले में विकासखण्ड अकादमिक समन्वयक एवं जनशिक्षक पद के लिये काउंसलिंग कर दी गई। अव्वल तो पुरानी वरिष्ठता सूची के आधार पर काउंसलिंग की गई और वरीयता सूची भी तैयार नहीं की गई। इसके साथ ही काउंसिलिंग की तय प्रक्रिया का पालन न करते हुए अभ्यर्थियों से पांच-पांच स्थानों के नाम लिये गए। जबकि नियमत: वरीयता के आधार पर पूरी रिक्तियां सामने रखते हुए उनसे स्थल का चयन कराना चाहिए था। इस प्रक्रिया का जहां विरोध शुरू हो गया है वहीं कलेक्टर के प्रतिनिधि डिप्टी कलेक्टर एपी द्विवेदी ने कहा है कि अगर नियमत: प्रक्रिया नहीं हुई है तो वे हस्ताक्षर नहीं करेंगे। उधर यह भी जानकारी मिली है कि सूची पर हस्ताक्षर करने से डाइट प्राचार्य ने भी इंकार कर दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार गत दिवस बीएसी और सीएसी पद के लिये प्रतिनियुक्ति पर रखे जाने अध्यापक, माध्यमिक शिक्षक और शिक्षक संवर्ग की काउंसिलिंग की गई। लेकिन इसमें व्यापक पैमाने पर अनियमितता बरती गई है। दरअसल राज्य शिक्षा केन्द्र ने स्पष्ट आदेश जारी किए थे कि विषय वार अध्यापक, उच्च श्रेणी शिक्षक एवं माध्यमिक शिक्षकों की 30.11.2019 के आधार पर वरिष्ठता सूची तैयार की जाए। इसके अनुसार वरीयता सूची तैयार की जाकर संबंधितों को काउंसिलिंग के लिये बुलाया जाए।
यह नहीं किया

लेकिन डीईओ व डीपीसी ने राज्य शासन के नियमों के विपरीत जाकर 2015 की वरिष्ठता सूची के आधार पर ही काउंसिलिंग करवा ली। इतना ही नहीं इनकी कोई वरीयता सूची भी तैयार नहीं की गई। ऐसे में काउंसलिंग की प्रक्रिया ही दूषित हो गई है और इस आधार पर अगर प्रतिनियुक्ति दी जाती है तो वह अनियमितता की श्रेणी में आएगी।
काउंसलिंग में भी गड़बड़झाला

काउंसलिंग के लिये शासन के जो नियम है उसमें सबसे वरीय अभ्यर्थी को पहले बुलाया जाकर उसे सभी रिक्तियां देकर चयन कराया जाता है। उसके चयनित स्थल को ब्लाक करने के बाद क्रमश: वरीयता में बुलाते हुए शेष रिक्तियां सामने रख चयन करवाते हुए पद ब्लाक किये जाते हैं। लेकिन यहां जो काउंसलिंग की गई उसमें अभ्यर्थियों को बुलाकर उनकी पसंद के पांच-पांच नाम ले लिये गए। इसका नतीजा यह होगा कि कई स्थल पर कई दावेदार हो जाएंगे जिससे काउंसलिंग की पवित्रता व पारदर्शिता प्रभावित होगी।
कूलिंग पीरियड की अनदेखी

प्रतिनियुक्ति के मामले में स्पष्ट नियम है कि कूलिंग पीरियड के बिना दोबारा अवसर नहीं दिया जाना चाहिए। इस मामले में पूर्व में भी विधानसभा में मामला उठने पर एक प्रतिनियुक्ति को समाप्त किया गया था। लेकिन इस बार भी इसकी अनदेखी की गई है।
डाइट प्राचार्य ने किया इंकार

इस मामले की समिति में डाइट प्राचार्य भी शामिल है। सूत्रों का कहना है कि उन्होंने काउंसलिंग मामले में अपने हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया है। इसकी वजह में बताया गया है कि तय प्रक्रिया का पालन नहीं होने से उन्होंने हस्ताक्षर नहीं किये हैं। इस संबंध में डाइट प्राचार्य से संपर्क का प्रयास किया गया लेकिन संपर्क नहीं हो सका।
” जिस तरह से वरिष्ठता सूची का विवाद सामने आ रहा है उसे देखा जाएगा। अगर शासन के नियमों के विपरीत पुरानी वरिष्ठता सूची के आधार पर काउंसलिंग की गई है तो इस पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे।”
– एपी द्विवेदी, डिप्टी कलेक्टर

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