मातृछाया के प्रदीप सक्सेना कहते हैं, इन बच्चियों को गोद देना चुनौती से कम नहीं था। कारण, चार बेटियों को एकसाथ गोद लेने के लिए कोई दंपती तैयार नहीं होता। 9 दंपती को हमने बुलाया पर वे रिजेक्ट कर चले गए। इसी बीच कारा ने अपनी वेबसाइट पर एक दिन के लिए इमिडियेट रिप्लेसमेंट ऑप्शन को ओपन किया। इसमें वेटिंग खत्म हो जाती है और कोई भी दंपती गोद ले सकता है। इसी के तहत केरल के दंपती ने इच्छा जताई थी।
बच्चियों का जन्म गरीब परिवार में हुआ है। जन्म देने वाले पिता चाट का ठेला लगाते थे। अब जिस दंपती ने गोद लिया है, वह उच्च मध्यमवर्गीय है। पिता प्रोफेसर हैं, तो मां शासकीय स्कूल में लेक्चरर है।
एक साथ चार बच्चियों को गोद लेने का यह प्रदेश का पहला मामला है। इससे पहले उज्जैन में ऐसा मामला आया था। वहां तीन बच्चों को दंपती ने एक साथ गोद लिया था। उसके बाद यहां यह पहल हुई है।
प्रदीप सक्सेना, सचिव, मातृछाया सतना