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सतना

देश के इस जिले में 50 फीसदी गरीबों को तक नहीं मिला ‘आयुष्मान’ का ‘आशीर्वाद’

– कार्ड बनाने में फिसड्डी : सतना में 15 लाख लोगों के बनाए जाने हैं कार्ड, अभी 7 लाख से ज्यादा लोग छूटे
– MP में नीचे से दूसरे यानी 51वें पायदान पर सतना

सतनाJun 25, 2022 / 12:31 pm

दीपेश तिवारी

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सतना । Satna

गरीबों को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण इलाज कराने केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना को लागू करने में सतना जिला हॉफ रहा है। हकीकत यह है कि योजना का लाभ दिलाना तो दूर जिलेभर में 49.62 पात्र गरीबों के पास आयुष्मान कार्ड ही नहीं है, जबकि कार्ड बनाने के लिए अभियान चला रहा है। आयुष्मान कार्ड बनाने के मामले में सतना जिला नीचे से दूसरे यानी 51वें पायदान पर है। रीवा स्वास्थ्य संभाग के अन्य जिले आयुष्मान कार्ड बनाने के मामले में हमसे बेहतर स्थिति में है।

50.58 फीसदी गरीबों के ही कार्ड बन पाए
केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2018 से शुरू इस योजना को लागू करने के तमाम प्रयासों के बावजूद सतना जिले में 15 लाख 5 हजार 972 लक्ष्य के मुकाबले महज 7 लाख 58 हजार 684 लोगों के ही आयुष्मान कार्ड बन पाए हैं।

यानी 50.58 फीसदी गरीबों के ही कार्ड बन पाए हैं, 49.62 फीसदी गरीबों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिलना तो दूर कार्ड ही नहीं बन पाया है। कार्ड बनवाने आने वाले हितग्राहियों को केंद्रों से दस्तावेजों की कमियां बताकर टला जा रहा है।

झाबुआ, मण्डला, डिण्डौरी से भी फिसड्डी सतना
आयुष्मान कार्ड बनाने के मामले में प्रदेश के पिछड़े झाबुआ, मण्डला, डिण्डौरी, पन्ना जैसे जिले हमशे बेहतर स्थिति में है। जिलेवार जारी की गई रैकिंग में ये जिले हमसे ऊंचे पायदान पर बने हुए हैं।

रीवा 41, सीधी 45 और सिंगरौली-45वें पायदान पर
रीवा स्वास्थ्य संभाग की भी आयुष्मान कार्ड बनाने को लेकर स्थिति सतना से बेहतर लेकिन अच्छी नहीं है। रीवा 41, सीधी 45 और सिंगरौली-45वें पायदान पर है। रीवा स्वास्थ्य संभाग के अनूपपुर 43, उमरिया 34वें पायदान पर हैं। वहीं नजदीकी जिला पन्ना 49वें पायदान पर है।

अभियान में दो हजार कार्ड भी नहीं बने
जिलेभर में विकासखण्ड और जिला मुख्यालय स्तर पर स्वास्थ्य मेले लगाए गए। इस दौरान एक सप्ताह से भी अधिक समय तक आयुष्मान कार्ड बनाने अभियान चलाया गया। लेकिन इस दौरान जिलेभर में दो हजार लोगों के भी कार्ड नहीं बनाए जा सके।

प्रचार-प्रसार का अभाव
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, इस योजना में कैंसर समेत 1450 बीमारियों का कैशलेस इलाज की व्यवस्था है। हितग्राहियों के नहीं आने से आयुष्मान कार्ड जारी नहीं हो पा रहे हैं। इसकी वजह लोगों को योजना की जानकारी नहीं होना और केंद्र पर पहुंचने के बाद भी भटकाया जाना है। जिला अस्पताल में बनाए गए केंद्र के भी कमोवेश यही हालात हैं।

1 साल में 5 लाख का निशुल्क इलाज
केंद्र सरकार की ओर से वर्ष 2018 के दौरान समाज के गरीब तबके के लोगों के लिए आयुष्मान भारत योजना का शुभारंभ किया गया था। वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर गरीबी की रेखा से नीचे के परिवारों को आयुष्मान भारत योजना में शामिल करने को चिह्नित किया गया था। इसके अंतर्गत लाभार्थी को 1 साल में 5 लाख रुपए तक का नि:शुल्क इलाज कराने की सुविधा दी गई है।

प्रदेश के टॉप-10 जिले-
जिला-जारी कार्ड प्रतिशत में
1. इंदौर-86.73
2. शाजापुर-72.24
3.नरसिंहपुर-70.96
4.जबलपुर-69.76
5.भोपाल-69.28
6.ग्वालियर-68.28
7.गुना-67.96
8.डिण्डौरी-67.33
9.मंदसौर-66.39
10.रतलाम-66.22

बॉटम वाले जिले-
45. सीधी-52.44
46.श्योपुर-52.34
47. सिंगरौली-51.95
48.झाबुआ-50.90
49. पन्ना-50.79
50. बड़वानी-50.53
51.सतना-50.38
52. अलीराजपुर-45.90

पिछड़े जिलों में अभियान चलाकर बनाए जाएंगे कार्ड
देशभर में आयुष्मान कार्ड बनाने में मध्यप्रदेश नंबर वन है। कुछ जिले जो पीछे हैं, इनको विशेष अभियान में शामिल कर चुनाव आचार संहिता के बाद कैंप मोड में सभी के कार्ड बनाए जाएंगे। इसके लिए विशेष दल गठित किए जाएंगे। जो अर्जेंट हैं वो अभी भी लोकसेवा केंद्र में कार्ड बनवा सकते हैं।
– अनुराग चौधरी, सीइओ, आयुष्मान भारत, मध्यप्रदेश

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