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सतना

50 लाख की टंकी नहीं बुझा सकी प्यास, चार साल से बूंद-बूंद पानी को तरस रही जनता

लखनवाह गांव: जिस बस्ती में पानी टंैक, वहां नहीं बिछाई पाइपलाइन

सतनाMay 26, 2019 / 01:07 am

Sukhendra Mishra

satna People craving for drop-drop water for four years

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सतना. घर-घर पानी पहुंचाने के लिए लखनवाह गांव में प्रशासन द्वारा जनभागीदारी से 50 लाख रुपए की टंकी का निर्माण काराया गया। इसके बाजवूद गांव की जनता की प्यास नहीं बुझी। जिस बस्ती में टैंक का निर्माण काराया गया, वहां के १५० परिवार चार साल से पानी के लिए डिब्बा लिए भटक रहे हैं। लेकिन पीएचई द्वारा आज तक जलसंकट से जूझ रही इस बस्ती में न तो पाइपलाइन बिछवाई गई और न टंकी से जलापूर्ति के प्रबंध किए गए।
गांव में नलजल योजना संचालित होने के बाद भी बूंद बूंद पानी के लिए तरस रहे लोगों ने इसकी शिकायत कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री तक सभी से की। लेकिन आज तक बस्ती के लोगों की समस्या का समाधान नहीं किया गया। प्रशासन की अनदेखी से परेशान लखनवाह के ग्रामीणों ने पानी के लिए सत्याग्रह आंदोलन करने का निर्णय लिया है।
2015 में हुआ था टंकी की निर्माण
बस्ती में पानी की टंकी होने के बाद भी डिब्बा लेकर एक किलो मीटर दूर से पानी ढोने को मजबूर ग्रामीणों ने बताया कि घर-घर पेयजल पहुंचाने वर्ष 2015 में सरकार ने जनभागीदारी से गांव मंे ५० लाख की लागत से टंकी का निर्माण कराया था। योजना के तहत गांव में घर-घर पाइप लाइन बिछाकर पानी पहुंचाना था। लेकिन ठेकेदार ने पीएचई इंजीनियरों से मिलीभगत का पाइपलाइन का फर्जी भुगतान करा लिया। आधे गांव में चार साल बीत जाने के बाद भी पाइप लाइन नहीं पड़ी। इससे गांव की जनता आज भी पेयजल संकट से जूझ रही है।
मुख्यमंत्री से शिकायत
गांव की दलित बस्ती में पाइपलाइन न बिछने की शिकायत पीडि़तों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से की है। उसमें लिखा है कि ठेकेदार ने पीएचई अधिकारियों के साथ साठगांठ कर बस्ती की पाइपलाइन दूसरी जगह बिछवा दी। बस्ती में जो पाइप लाइन पड़ी थी उसे तोड़ दया गया है। बस्ती की जलापूर्ति पूरी तरह से बंद है। कॉलोनी में पेयजल का कोई अन्य स्रोत न होने के कारण लोगों को पानी के लिए भटकना पड़ता है।

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