scriptShrimad Bhagwat: बुरे समय में कोई नहीं आता काम, एकमात्र परमात्मा ही है जो हर समय हर घड़ी आपका साथ देता है | Satna shrimad bhagwat katha: read bhagwat geeta in hindi book | Patrika News
सतना

Shrimad Bhagwat: बुरे समय में कोई नहीं आता काम, एकमात्र परमात्मा ही है जो हर समय हर घड़ी आपका साथ देता है

रुक्मणी-कृष्ण विवाह में भावविभोर हुए कोटरवासी, ‘संसार का व्यवहार बड़ा विचित्र, यहां सब मतलब पर टीके हुए हैं’: घनश्यामाचार्य

सतनाDec 11, 2019 / 11:52 am

suresh mishra

Satna shrimad bhagwat katha: read bhagwat geeta in hindi book

Satna shrimad bhagwat katha: read bhagwat geeta in hindi book

सतना/ शांति-निकेतन नगर परिषद कोटर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के छठवें दिन की कथा की शुरुआत करते हुए स्वामी घनश्यामाचार्य महाराज ने कहा कि जब हरि को जानने की इच्छा मन में जागृत होती है तब धीरे-धीरे उस परमात्मा से प्रीति होने लगती है, क्योंकि ईश्वर को जाने बिना आपको उससे प्रेम नहीं हो सकता। हम किसी के गुणगान का श्रवण करते हैं या उसके स्वभाव को जानने की कोशिश करते हैं।
जब उसका स्वभाव अच्छा लगता है तो उससे प्रेम होता है। संसार का व्यवहार भी विचित्र सा है यहां सब मतलब पर टीके हुए हैं, चाहे व्यवहार किसी से भी जोड़ लिजिए परंतु शुरुआत में तो बाते बड़ी लम्बी-लम्बी कर देते हैं लेकिन जब बारी आती है तो सब किनारे हो जाते हैं। एकमात्र परमात्मा ही है जो हर समय हर घड़ी आपका साथ देता है।
काम हटकर श्याम के प्रति प्रेम जाग्रत होता हैं
कथा को वृतांत से सुनाते हुए घनश्यामाचार्य ने कहा कि शुकदेव जी महाराज परीक्षित से कहते हैं राजन जो इस कथा को सुनता है उसे भगवान के रसमय स्वरूप का दर्शन होता है। उसके अंदर से काम हटकर श्याम के प्रति प्रेम जाग्रत होता हैं। जब भगवान प्रकट हुए तो गोपियों ने भगवान से तीन प्रकार के प्राणियों के विषय में पूछा। एक व्यक्ति वो है जो प्रेम करने वाले से प्रेम करता है। दूसरा व्यक्ति वो है जो सबसे प्रेम करता है, चाहे उससे कोई करे या न करे। तीसरे प्रकार का प्राणी तो प्रेम करने वाले से कोई सम्बन्ध नहीं रखता और न करने वाले से तो कोई संबंध है ही नहीं।
वहां प्रेम नही हैं वहां स्वार्थ झलकता है
आप इन तीनो में कोन से व्यक्ति की श्रेणियों में आते हो? भगवान ने कहा कि गोपियों! जो प्रेम करने वाले के लिए प्रेम करता है वहां प्रेम नही हैं वहां स्वार्थ झलकता है। केवल व्यापार है वहां। आपने किसी को प्रेम किया और आपने उसे प्रेम किया। ये बस स्वार्थ है। दूसरे प्रकार के प्राणियों के बारे में आपने पूछा वो हैं माता-पिता, गुरुजन। संतान भले ही अपने माता-पिता के, गुरुदेव के प्रति प्रेम हो या न हो। लेकिन माता-पिता और गुरु के मन में पुत्र के प्रति हमेशा कल्याण की भावना बनी रहती है, लेकिन तीसरे प्रकार के व्यक्ति के बारे में आपने कहा कि ये किसी से प्रेम नही करते तो इनके चार लक्षण होते हैं।
मैं तो तुम्हारे जन्म-जन्म का ऋणियां हूं
आत्माराम- जो बस अपनी आत्मा में ही रमन करता हैं। पूर्ण काम- संसार के सब भोग पड़े हैं लेकिन तृप्त हैं। कृतघ्न- जो किसी के उपकार को नहीं मानता हैं। गुरुद्रोही- जो उपकार करने वाले को अपना शत्रु समझता हैं। श्री कृष्ण कहते हैं कि गोपियों इनमे से मैं कोई भी नही हूं। मैं तो तुम्हारे जन्म-जन्म का ऋणियां हूं। महाराज ने कहा कि हमारी इच्छाएं ही सारे पापों की जड़ हैं। इसलिए इन इच्छाओं को ही छोड़ दें। दुनिया की सारी बाधाएं दूर हो जाएंगी।
नगरवासी हुए भाव विभोर
सद्कर्मों से आत्मा खुश होती है। आखिर में श्रीकृष्ण और रुक्मणी विवाह धूमधाम से मनाया गया। इसके साथ ही श्रीकृष्ण और रुक्मणी की सुंदर झांकी भी निकाली गई। रुक्मणी कृष्ण विवाह का मंचन देखकर नगरवासी भाव विभोर हो गए। आयोजक बालकृष्ण शर्मा ने बताया कि सातवें दिन वृंदावन की तर्ज पर फूलों की होली खेली जाएगी। द्वारिका लीला, सुदामा चरित्र, परीक्षित मोक्ष, व्यास पूजन पूर्णाहुति का वृतांत सुनाया जाएगा। मुख्य यजमान रामजी शर्मा व शांति देवी शर्मा रहे।

Home / Satna / Shrimad Bhagwat: बुरे समय में कोई नहीं आता काम, एकमात्र परमात्मा ही है जो हर समय हर घड़ी आपका साथ देता है

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो