मिली जानकारी के अनुसार सोहावल के पचमठा मंदिर के पास लंबे समय से मुरुम के अवैध खनन का कारोबार व्यापक पैमाने पर हो रहा था। रात को यहां कई जेसीबी मशीनों के सहारे मुरुम का खनन किया जा रहा था इसके साथ ही प्रतिदिन दर्जन भर डंपरों से मुरुम का अवैध परिवहन होता था। सोहावल कस्बे से बीच से मुरुम का परिवहन होने से हादसे की आशंका तो बनी ही रहती थी वहीं सड़क भी खराब हो रही थी।
डम्परों को रुकवाने के बाद ग्रामीणों ने सबसे पहले डायल 100 को सूचना दी। डायल 100 मौके पर पहुंची भी लेकिन उसने फील्ड स्टाफ को बुलाने और कार्रवाई करने की बजाय ग्रामीणों से समझौते का प्रयास करने लगी। इनका कहना था कि इन्हें जाने दो डम्पर मालिक बारजा बनवा देगा। लेकिन यहां इकटठा सैकड़ा भर ग्रामीण भी अड़ गए और कार्रवाई की मांग करने लगे। इस दौरान यहां विवाद की स्थिति बन गई।
डायल 100 की कार्यप्रणाली देख ग्रामीण ने इसकी जानकारी कलेक्टर सतेन्द्र सिंह को दी। कलेक्टर ने घटना क्रम सुनने के बाद एसडीएम रघुराजनगर पीएस त्रिपाठी को मौके पर भेजा। रात लगभग साढ़े 11 बजे एसडीएम त्रिपाठी मैदानी राजस्व अमले के साथ मौके पर पहुंचे। यहां खड़े सात डम्परों को जब्त करने की कार्रवाई की। ग्रामीणों ने बताया कि यहां पर अवैध खनन और परिवहन का काम बॉबी द्विवेदी करा रहा है। जिन डम्परों को जब्त किया गया है उनमें एमपी 19 एचए 3260, यूपी 93 एटी 7315, यूपी 95 टी 1311, एमपी 19 एचए 3964 और यूपी 96 टी 0440 सहित अन्य डम्पर शामिल है। जब्ती की कार्रवाई के बाद एसडीएम ग्रामीणों की जानकारी पर खदान क्षेत्र में पहुंचे। यहां मौके पर जेसीबी पाई गई। इसे भी जब्त कर लिया गया है।
ग्रामीणों ने बताया कि यहां कई माह से अवैध खनन का कारोबार हो रहा है। कई बार इसकी सूचना डायल 100 और पुलिस को दी गई थी। लेकिन उनके द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही थी। कई बार इन डम्परों के कारण ग्रामीण हादसों का शिकार होते होते बचे थे। अब जब डम्पर घर पर ही टक्कर मारने लगे तो खुद ही घेरना मजबूरी हो गई।