मिली जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक गृहमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित की गई। जिसमें निर्णय लिया गया था कि मोटर व्हीकल (संशोधन) अधिनियम 2019 की धारा 198(ए) में सड़क रोड डिजाइन, निर्माण, रखरखाव आदि में कमी पाए जाने पर संबंधित एजेंसी या विभाग पर एक लाख रुपये तक का जुर्माने का प्रावधान है। ऐसे में परिषद ने निर्णय लिया कि सड़क निर्माण एवं रखरखाव के मामले में गंभीरता से कार्यवाही की जाए। परिषद के इस निर्णय से पुलिस मुख्यालय के विशेष पुलिस महानिदेशक ने कलेक्टर एवं एसपी को अवगत कराते हुए ऐसे मामलों में निर्णय के अनुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।
इस निर्णय के बाद सड़क दुर्घटना की जांच कर रही एजेंसी पर जिम्मेदारी बढ़ गई है। अब उसे गंभीरता और वैज्ञानिक तरीके से यह जांच करनी होगी कि हादसे की वजह कहीं रोड की डिजाइन में कमी तो नहीं है या फिर खराब सड़क की वजह से तो दुर्घटना नहीं हुई है। अगर ऐसा होता है तो मामला कलेक्टर को प्रस्तुत करना होगा। जिसके बाद संबंधित विभाग और एजेंसी पर जुर्माना तय किया जाएगा।
सड़क की पटरियों को पूरी तरह से अतिक्रमण मुक्त रखा जाए। सड़क पर लगी सूचनाएं स्पष्ट हों। सड़क के डिवाइडर अतिक्रमण, विज्ञापन व होर्डिंग मुक्त रखें। सड़क पर बैठने वाले मवेशियों के सींगों और गले में रिफ्लेक्टर लगाने का काम किया जाए। सड़क सुरक्षा के लिये रोड सेफ्टी वालेन्टियर नियुक्ति किए जाएं। हर सड़क पर गति सीमा के बोर्ड लगाए जाएं। नेशनल हाइवे पर मोहल्लों की मिडियन ओपनिंग रोकना। सड़क को गड्ढों मुक्त करना।
दुर्घटना संभावित क्षेत्रों या स्थानों की पहचान की जाए। इस मसले पर सड़क निर्माण से संबंधित सभी एजेंसियों से चर्चा कर आवश्यकता होने पर दुर्घटना संभावित क्षेत्र की मूलभूत बनावट में सुधार किया जाए। साथ ही यहां बड़े बोर्ड में संभावित दुर्घटना स्थल अंकित कर आसानी से दिखाई देने वाली जगह में लगाया जाए।