जानकारी अनुसार, वन जीवों के शिकार के लिए 13 मई की रात अमिरती गांव के ग्रामीणों ने डुडहा नाले के पास करंट लगाया था। इसी दौरान बाघ पानी की तलाश में नाले के पास पहुंचा। जहां वो करंट की चपेट में आ गया। मौके से कुछ दूरी पर शिकारी भी मौजूद थे। उन्होंने बाघ को करंट के तार में फंसते देखा, तो बचाने की जगह मौके से गायब हो गया। वहीं बाघ सुबह मृत हालत में पाया गया था।
बताया जाता है कि जब कोर्ट ने तीनों आरोपी राजेश मवासी, रज्जन कोल व जोला चौधरी की वन विभाग को रिमांड दी तो वन विभाग के अधिकारी उन्हें लेकर मझगवां स्थित रेस्ट हाउस पहुंचे। तय हुआ कि यहीं पूछताछ की जाएगी। लेकिन चार दिन पहले रेस्ट हाउस के रोशनदान को तोड़कर आरोपी फरार हो गया। हादसे के दूसरे दिन तीन बीट गार्डों सहित रेंजर को सस्पेंड कर दिया गया। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर मझगवां थाने में वन विभाग की कस्टडी से फरार होने की एफआईआर दर्ज कराई गई। लिहाजा पुलिस ने दो आरोपियों को पकड़ लिया। जबकि अभी भी एक फरार है।