ट्रेनिंग कार्य नेशनल स्किल डेवलपमेंट काऊंसिल के अंतर्गत और एग्रीकल्चर स्किल्स काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा तय मानकों अनुसार निष्पादित होगा। इस अनुसार ग्रामीण पृष्ठभूमि के 18 से 35 वर्ष आयु समूह के वे सभी युवा ट्रेनिंग हेतु पात्र होंगे जो 10वीं तक की शिक्षा सफ लतापूर्वक प्राप्त कर चुके हैं तथा प्रदेश के निवासी हों। कोरोना प्रतिबंधों से मुक्त होते ही ट्रेनिंग कार्य प्रारंभ हो जायेगा।
कृषि अभियांत्रिकी विभाग इसके लिए 30 दिवसीय आवासीय ट्रेनिंग की व्यवस्था करेगा। गौरतलब है कि सतना तथा आसपास के क्षेत्रों में बहुत से किसानों ने कंबाईन हार्वेस्टर क्रय कर रखा है। लेकिन इन्हें आपरेट करने पंजाब, हरियाणा,पश्चिमी यूपी से आपरेटर बुलाने पड़ते हैं। जिन्हें वेतन देना पड़ता है। लेकिन अब ट्रेनिंग सेंटर खुलने से जिले के युवा किसान स्वयं हारवेस्टर चलना सीखकर आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाएगे।
इस बार कोरोना प्रतिबंध के कारण कई कंबाईनहार्वेस्टर पर अन्य राज्य के श्रमिक नहीं आ पाये और कृषकों को फसल काटने में परेशानी भी हुई। इस समस्या को देखते हुए 12 मईÓ को एपीसी की समीक्षा के दौरान Óसंभागीय आयुक्तÓ द्वारा विंध्यक्षेत्र में ही कंबाईनहार्वेस्टर ऑपरेटर की ट्रेनिंग कराने का परामर्श दिया था। रीवा के Óसंभागीय आयुक्तÓ की उक्त सलाह पर अमल करते हुये ही कृषि अभियांत्रिकी विभाग द्वारा टे्रनिंग की व्यवस्था की जा रही है।