गत दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में संवाद कर उनकी मांगों पर विचार कर मानदेय बढ़ाने का निर्णय किया, लेकिन वीडियो कान्फ्रेस में प्रधानमंत्री ने साथिनों के मानदेय बढ़ाने संबंधित कोई चर्चा नहीं की। साथिनों ने बताया कि पिछले करीब 13-14 वर्षों से हर पंचायत पर एक ग्राम साथिन पूरी लगन व मेहनत के साथ कार्य करती आ रही है, लेकिन साथिनों को मानदेय के रूप में महज 3300 रुपए दिए जा रहे हैं। इससे साथिनों को आर्थिक परेशानी से जुझना पड़ रहा है।
ये है साथिनों की मांग
साथिन कर्मचारी संघ जिला प्रभारी रेणु शर्मा, कोषाध्यक्ष मंजू वैष्णव, अध्यक्ष यास्मीन, सचिव द्वारिका, साथिन मंजू शर्मा, पुष्पा वर्मा, गुड्डी गुप्ता आदि ने स्थाई होने तक ग्राम साथिनों को मानदेय 10 हजार रुपए दिलाने, ग्राम साथिनों को परिचेता बनाने, 13 वर्ष के अनुभव के बाद पीएफ व एसआई लागू करने की मांग की। इसी प्रकार जाजम की बैठक का मानदेय बढ़ाने व ग्राम साथिनों को ड्रेस व परिचय पत्र दिलाने एवं गत वर्ष से बकाया बिलों का भुगतान दिलाने की मांग की।
कार्यकर्ता व सहायिकों को ऐसे मिलेगा मानदेय
सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय 1500 रुपए एवं सहायकों का मानदेय 750 रुपए बढ़ाने की घोषणा की है। केन्द्र सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 3 हजार की जगह 4500, मिनी को 2250 की जगह 3500 एवं सहायिकाओं को 1500 रुपए की जगह 2250 रुपए एक अक्टूबर के मानदेय के साथ देने की घोषणा की है। इसी प्रकार पोषण योजना का 500 रुपए अलग से प्रतिमाह कार्य के आधार पर मिलेगा।
फिलहाल, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका का मानेदय बढ़ाने के ही आदेश आए है। साथिनों के मानदेय बढ़ाने को लेकर उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।
मनोजकुमार मीना, सहायक निदेशक, महिला अधिकारिता विभाग सवार्ईमाधोपुर