भात भरने के लिए जमा किये थे पैसे
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि कमलेश चेजा पत्थर के काम पर मजदूरी कर परिवार का पालन कर रहा है। दो माह पहले पत्नी की बीमारी के चलते मौत हो गई। चार बेटी व एक बेटा है। काफी दिनों से मजदूरी कर भात भरने के लिए एक एक पैसा जमा कर रहा था। गुरुवार को ही 25 हजार रुपये का कपड़ा खरीद कर लाया था। भात के खर्च के लिए 25 हजार नकद राशि भी छप्पर में रखी थी, लेकिन आग ने सब कुछ जला दिया। यह भी पढ़ें :
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आग लगने से एक ग्याबन भैंस, एक पाडी, अनाज, कपड़े, जेवरात, गहने, बर्तन सहित सभी सामान जल कर खाक हो गए। अब कमलेश के पाश खाने के लिए अनाज के दाने भी नहीं बचे।
आर्थिक मदद के लिए कलक्टर से गुहार
पंचायत समिति सदस्य नारंगी मीणा ने बताया कि कमलेश बैरवा बहुत ही निर्धन परिवार से है। बिजली निगम की लापरवाही से छप्पर जला है। पीड़ित के खाने के दाने भी नहीं बचे। आर्थिक मदद के किये जिला कलक्टर को पत्र लिखेंगे।