scriptकम दामों पर सरसों-चना बेचने को मजबूर किसान | Farmers forced to sell mustard and gram at low prices | Patrika News
सवाई माधोपुर

कम दामों पर सरसों-चना बेचने को मजबूर किसान

कम दामों पर सरसों-चना बेचने को मजबूर किसान

सवाई माधोपुरApr 25, 2019 / 03:10 pm

rakesh verma

 छनाई करते पल्लेदार व सरसों के लगे ढेर।

आलनपुरा रोड स्थित कृषि उपज मण्डी में गेहूं की छनाई करते पल्लेदार व सरसों के लगे ढेर।

सवाईमाधोपुर. प्रदेश सरकार की ओर से भले ही सरसों व चना के समर्थन मूल्य खरीद चल रही हो लेकिन जिले में सरसों-चना बेचने वाले किसानों को कोई राहत नहीं है। राजफैड की ओर से जिले में छह स्थानों पर चना व सरसों की खरीद की जा रही है, लेकिन केन्द्रों पर सरसों-चना बेचने के बाद किसानों के खाते में राशि जमा नहीं हो रही है। इसके अलावा राजफैड की ओर से समर्थन मूल्य केन्द्रों पर केवल 25 क्विंटल ही खरीद हो रही है। इससे किसान सरकारी कांटे की अपेक्षा कृषि उपज मण्डी में कृषि जिन्सों को बेच रहे हैं। दरअसल, प्रदेश सरकार के समर्थन मूल्य पर सरसों व चना खरीदने के निर्णय पर खुश हुए किसान तुलाई बाद अब पछता रहे हैं। तुलाई के 23 दिन बाद भी किसानों के खातों में राशि जमा नहीं हुई है। अधिकारी शीघ्र रुपए जमा होने की बात कह रहे हैं। ऐसे में विवाह आयोजन, मकान निर्माण आदि कार्यों में रुपए की जरूरत को लेकर किसानों की दिक्कतें बढ़ गई हैं।

कम दामों पर ही बेच रहे
इधर, खरीद केन्द्रों पर सरसों 4200 रुपए प्रति क्विंटल एवं चना 4620 रुपए प्रति क्विंटल की दरों पर खरीद की जा रही है, जबकि कृषि उपज मण्डी में सरसों 3509 रुपए प्रति क्विंटल एवं चना 4068 रुपए प्रति क्विंटल भाव चल रहे हैं। ऐसे में अधिकतर किसान सावों के शादी समारोह के चलते कम दामों पर ही चना व सरसों बेचने को मजबूर हैं। इससे किसानों को प्रतिदिन सात से आठ सौ रुपए का नुकसान हो रहा है।

बाजार भाव से अधिक राशि
किसानों को मेहनत व फसल का उचित दाम मिले। इसको लेकर केन्द्र सरकार ने इस वर्ष प्रदेश में समर्थन मूल्य पर सरसों व चना खरीद का निर्णय किया था। बाजार भाव से समर्थन मूल्य की कीमत अधिक होने पर प्रदेश व जिले के किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई थी, लेकिन अब जरूरत के समय किसानों के खाते में राशि नहीं आने से वे परेशान दिख रहे हैं।

छह केन्द्रों पर लगे कांटे
प्रदेश में राजफैड के माध्यम से एक अप्रेल से खरीद शुरू करते हुए जगह-जगह खरीद केन्द्र खोले। जिले में छह स्थानों पर खरीद केन्द्रों की शुरूआत की। समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू होने के बाद जिले के सैकड़ों किसानों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाकर बारी आने पर सरसों व चना की तुलवाई करवाई, लेकिन कोई फायदा नहीं मिल रहा।
आंकड़ों पर एक नजर…
समर्थन मूल्य पर भाव
गेहंू 1840
चना 4620
सरसों 4200

कृषि उपज मण्डी में भाव
सरसों 3509
चना 4068
गेहूं 1800

ये बोले किसान…
कृषि मण्डी में 25 बोरी चना लेकर आए हैं। समर्थन मूल्य खरीद केन्द्रों पर चना व सरसों का समय पर भुगतान नहीं होता है। इससे मजबूरी में कम दामों पर ही फसल बेच रहे हैं।
बंशी मीणा, किसान, कावड़

मण्डी में 30 बोरी सरसों की लेकर आए है। समर्थन मूल्य खरीद केन्द्रों पर खातों में देरी से पैसे आते हैं। माल भी 25 क्विंटल तक ही तोला जाता है। घर में शादीविवाह होने से कम दामों में ही बेच रहे हैं।
रामजीलाल मीणा, किसान, चौथकाबरवाड़ा

सरसों-चना का भुगतान ऑनलाइन जमा होता है। खरीद के बाद नैफेड से राजफैड को बजट जारी होता है। वेअर हाउस में माल जमा होने के बाद किसानों के खाते में राशि जमा होगी। जयपुर राजफैड से ही भुगतान होगा।
नेहा जैन, निरीक्षक, उप रजिस्ट्रार सहकारी समितियां, सवाईमाधोपुर
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