कम दामों पर ही बेच रहे
इधर, खरीद केन्द्रों पर सरसों 4200 रुपए प्रति क्विंटल एवं चना 4620 रुपए प्रति क्विंटल की दरों पर खरीद की जा रही है, जबकि कृषि उपज मण्डी में सरसों 3509 रुपए प्रति क्विंटल एवं चना 4068 रुपए प्रति क्विंटल भाव चल रहे हैं। ऐसे में अधिकतर किसान सावों के शादी समारोह के चलते कम दामों पर ही चना व सरसों बेचने को मजबूर हैं। इससे किसानों को प्रतिदिन सात से आठ सौ रुपए का नुकसान हो रहा है।
बाजार भाव से अधिक राशि
किसानों को मेहनत व फसल का उचित दाम मिले। इसको लेकर केन्द्र सरकार ने इस वर्ष प्रदेश में समर्थन मूल्य पर सरसों व चना खरीद का निर्णय किया था। बाजार भाव से समर्थन मूल्य की कीमत अधिक होने पर प्रदेश व जिले के किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई थी, लेकिन अब जरूरत के समय किसानों के खाते में राशि नहीं आने से वे परेशान दिख रहे हैं।
छह केन्द्रों पर लगे कांटे
प्रदेश में राजफैड के माध्यम से एक अप्रेल से खरीद शुरू करते हुए जगह-जगह खरीद केन्द्र खोले। जिले में छह स्थानों पर खरीद केन्द्रों की शुरूआत की। समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू होने के बाद जिले के सैकड़ों किसानों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाकर बारी आने पर सरसों व चना की तुलवाई करवाई, लेकिन कोई फायदा नहीं मिल रहा।
समर्थन मूल्य पर भाव
गेहंू 1840
चना 4620
सरसों 4200 कृषि उपज मण्डी में भाव
सरसों 3509
चना 4068
गेहूं 1800 ये बोले किसान…
कृषि मण्डी में 25 बोरी चना लेकर आए हैं। समर्थन मूल्य खरीद केन्द्रों पर चना व सरसों का समय पर भुगतान नहीं होता है। इससे मजबूरी में कम दामों पर ही फसल बेच रहे हैं।
बंशी मीणा, किसान, कावड़
मण्डी में 30 बोरी सरसों की लेकर आए है। समर्थन मूल्य खरीद केन्द्रों पर खातों में देरी से पैसे आते हैं। माल भी 25 क्विंटल तक ही तोला जाता है। घर में शादीविवाह होने से कम दामों में ही बेच रहे हैं।
रामजीलाल मीणा, किसान, चौथकाबरवाड़ा
सरसों-चना का भुगतान ऑनलाइन जमा होता है। खरीद के बाद नैफेड से राजफैड को बजट जारी होता है। वेअर हाउस में माल जमा होने के बाद किसानों के खाते में राशि जमा होगी। जयपुर राजफैड से ही भुगतान होगा।
नेहा जैन, निरीक्षक, उप रजिस्ट्रार सहकारी समितियां, सवाईमाधोपुर