तीन कैटेगरी से घोषित होती है रेटिंग
रैकिंग में प्रदेश में अव्वल नंबर पर सीकर और सबसे नीचे 34वें स्थान पर डूंगरपुर जिला है। प्रदेश स्तर पर अक्टूबर 2018 से तीन कैटेगरी बनाकर रैंकिंग घोषित की जाने लगी थी। इसमें औसत आधार पर तय किए श्रेष्ठ 10 जिलों को गोल्ड कैटेगरी में रखा गया है। इसके बाद दूसरी रजत कैटेगरी में 12 जिले रखे। तीसरे नंबर की कांस्य कैटेगरी में भी 12 जिले रखे गए है। इनमें जयपुर को ग्रामीण और शहरी दो जिलों के रूप में माना गया। इसकी वजह से पूरे राजस्थान को 34 जिले मानते हुए रैंकिंग घोषित की जाती है।
रैकिंग में प्रदेश में अव्वल नंबर पर सीकर और सबसे नीचे 34वें स्थान पर डूंगरपुर जिला है। प्रदेश स्तर पर अक्टूबर 2018 से तीन कैटेगरी बनाकर रैंकिंग घोषित की जाने लगी थी। इसमें औसत आधार पर तय किए श्रेष्ठ 10 जिलों को गोल्ड कैटेगरी में रखा गया है। इसके बाद दूसरी रजत कैटेगरी में 12 जिले रखे। तीसरे नंबर की कांस्य कैटेगरी में भी 12 जिले रखे गए है। इनमें जयपुर को ग्रामीण और शहरी दो जिलों के रूप में माना गया। इसकी वजह से पूरे राजस्थान को 34 जिले मानते हुए रैंकिंग घोषित की जाती है।
एक साल बाद भी नहीं सुधरी
पिछले वर्ष चिकित्सा सेवा एवं स्वास्थ्य से जुड़े हर कार्य के अंक के आधार पर सवाईमाधोपुर जिला प्रदेश में 29.4 अंक के साथ 24वें पायदान था, जबकि इस बार जून माह की जारी मिसाल हैल्थ रेटिंग में केवल एक स्थान आगे 30.8 अंको के साथ 23वें स्थान पर पहुंच गया है।
पिछले वर्ष चिकित्सा सेवा एवं स्वास्थ्य से जुड़े हर कार्य के अंक के आधार पर सवाईमाधोपुर जिला प्रदेश में 29.4 अंक के साथ 24वें पायदान था, जबकि इस बार जून माह की जारी मिसाल हैल्थ रेटिंग में केवल एक स्थान आगे 30.8 अंको के साथ 23वें स्थान पर पहुंच गया है।
ये है विभाग के मापदंड
सीएमएचओ कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार मिसाल डिस्ट्रक हैल्थ रैंकिंग सिस्टम के जरिए विभिन्न मानकों के आधार पर उत्कृष्ट जिला, ब्लॉक सीएचसी व पीएचसी का चयन किया जाता है। इसमें मातृ नवजात एवं शिशु स्वास्थ्य सूचकांक, पूर्ण टीकाकरण कवरेज, नसबंदी, ओपीडी, मोतियाबिंद, राजधारा, मरीजों की संतुष्टि, संस्थागत प्रसवों का प्रतिशत, प्रसव पूर्व जांच का कवरेज, परिवार कल्याण कार्यक्रम, टीबी सहित 42 मापदण्डों के आधार पर जिले का स्कोर कार्ड तैयार किया जाता है। साथ ही राजकीय चिकित्सा संस्थानों पर दवाओं, जांच की उपलब्धता, चिकित्सकों की उपस्थिति, अधिकारियों की ओर से की जाने वाली ऑनलाइन मॉनिटरिंग, मेडिकल मोबाईल यूनिट्स शिविरों आदि मापदण्डों पर संस्थान को परखा जाता है।
सीएमएचओ कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार मिसाल डिस्ट्रक हैल्थ रैंकिंग सिस्टम के जरिए विभिन्न मानकों के आधार पर उत्कृष्ट जिला, ब्लॉक सीएचसी व पीएचसी का चयन किया जाता है। इसमें मातृ नवजात एवं शिशु स्वास्थ्य सूचकांक, पूर्ण टीकाकरण कवरेज, नसबंदी, ओपीडी, मोतियाबिंद, राजधारा, मरीजों की संतुष्टि, संस्थागत प्रसवों का प्रतिशत, प्रसव पूर्व जांच का कवरेज, परिवार कल्याण कार्यक्रम, टीबी सहित 42 मापदण्डों के आधार पर जिले का स्कोर कार्ड तैयार किया जाता है। साथ ही राजकीय चिकित्सा संस्थानों पर दवाओं, जांच की उपलब्धता, चिकित्सकों की उपस्थिति, अधिकारियों की ओर से की जाने वाली ऑनलाइन मॉनिटरिंग, मेडिकल मोबाईल यूनिट्स शिविरों आदि मापदण्डों पर संस्थान को परखा जाता है।
नौ कैटेगरी में शून्य रिपोर्ट
जिले में नवजात, शिशु, बाल मृत्युदर, मातृ मृत्युदर, रजिस्ट्रेशन, आदर्श पीएचसी व सीएचसी, दवा उपलब्धता, मलेरिया, डायरिया कैटेगरी में शून्य रिपोर्ट रही थी। इसी आधार पर जिला पीछे रह गया। इनमें सीएचसी व पीएचसी पर तय लक्ष्य निर्धारित समय पर पूरे नहीं हो सकें।
जिले में नवजात, शिशु, बाल मृत्युदर, मातृ मृत्युदर, रजिस्ट्रेशन, आदर्श पीएचसी व सीएचसी, दवा उपलब्धता, मलेरिया, डायरिया कैटेगरी में शून्य रिपोर्ट रही थी। इसी आधार पर जिला पीछे रह गया। इनमें सीएचसी व पीएचसी पर तय लक्ष्य निर्धारित समय पर पूरे नहीं हो सकें।
जिले में ये है सीएचसी व पीएचसी के हालात
-जिले में टॉप पर सीएचसी-बामनवास
-जिले में अंतिम स्थान पर सीएचसी-खण्डीप
-जिले में टॉप पर पीएचसी-मलारना चौड़ व ईसरदा
-जिले में अंतिम पायदान पर पीएचसी-श्यामपुरा व बामनबड़ौदा
-टॉप में ब्लॉक-बौली
-अंतिम स्थान पर-गंगापुरसिटी
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-जिले में टॉप पर सीएचसी-बामनवास
-जिले में अंतिम स्थान पर सीएचसी-खण्डीप
-जिले में टॉप पर पीएचसी-मलारना चौड़ व ईसरदा
-जिले में अंतिम पायदान पर पीएचसी-श्यामपुरा व बामनबड़ौदा
-टॉप में ब्लॉक-बौली
-अंतिम स्थान पर-गंगापुरसिटी
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करेंगे कार्रवाई
जिन सीएचसी व पीएचसी संस्थानों ने समय पर लक्ष्य पूरे नहीं किए है, उनकी जानकारी लेकर नोटिस जारी करने की कार्रवाई की जाएगी। सभी को उचित मॉनिटरिंग व समय पर चिकित्सा संबधित कार्य करने के लिए पाबंद किया जाएगा।
डॉ.तेजराम मीणा, सीएमएचओ, सवाईमाधोपुर
जिन सीएचसी व पीएचसी संस्थानों ने समय पर लक्ष्य पूरे नहीं किए है, उनकी जानकारी लेकर नोटिस जारी करने की कार्रवाई की जाएगी। सभी को उचित मॉनिटरिंग व समय पर चिकित्सा संबधित कार्य करने के लिए पाबंद किया जाएगा।
डॉ.तेजराम मीणा, सीएमएचओ, सवाईमाधोपुर
इनका कहना है
मिसाल हैल्थ रैकिंग में निर्धारत लक्ष्य समय पर पूरे नहीं होने से जिला पिछड़ गया है। रैकिंग सुधार के प्रयास किए जाएंगे। फिल्ड में सीएचसी व पीएचसी संस्थानों को मॉनिटरिंग व तय लक्ष्य समय पर पूरे करने के निर्देश दिए जाएंगे।
अजयशंकर बैरवा, सांख्यिकी अधिकारी, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, सवाईमाधोपुर
मिसाल हैल्थ रैकिंग में निर्धारत लक्ष्य समय पर पूरे नहीं होने से जिला पिछड़ गया है। रैकिंग सुधार के प्रयास किए जाएंगे। फिल्ड में सीएचसी व पीएचसी संस्थानों को मॉनिटरिंग व तय लक्ष्य समय पर पूरे करने के निर्देश दिए जाएंगे।
अजयशंकर बैरवा, सांख्यिकी अधिकारी, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, सवाईमाधोपुर