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सवाई माधोपुर

VIDEO यह कैसा कौशल विकास

कचरे मेें पड़े है प्रमाण पत्र प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का मामला

सवाई माधोपुरApr 18, 2019 / 01:41 pm

rakesh verma

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सवाईमाधोपुर. केन्द्र सरकार की ओर से देश के युवाओं को प्रशिक्षित कर रोजगार से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना(पीएमकेवीवाय)योजना महज कागजों में ही संचालित हो रही है। ऐसे में युवाओं को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। पूर्व में योजना की मॉनिटरिंग केन्र्द सरकार की ओर से ही की जाती थी। लेकिन बाद में फर्जीवाड़े की शिकायते मिलने के बाद केन्द्र सरकार की ओर से स्टेट पीएमकेवीवाय प्रोटेक्ट शुरू किया गया। इसके तहत केन्द्र सरकार की ओर से प्रदेश में संचालित प्रशिक्षण केन्द्रों की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी राजस्थान कौशल आजीविका विकास निगम को सौंपी गई। इसके बाद भी हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। इसकी एक बानगी बुधवार को खैरदा में नजर आई यहां एक खाली भूखण्ड में योजना के तहत प्रशिक्षण लेने वाले प्रशिक्षणार्थियों के प्रमाण पत्र कचरे के ढेर में मिले हैं। इससे एक बार फिर से योजना के मॉनिटरिंग सिस्टम पर सवाल खड़े हो रहे है।
यह है मामला
गत वर्ष खैरदा में पीएमकेवीवाय योजना के तहत दिल्ली की एक निजी कंपनी की ओर से सॉलर इंस्टॉलर का प्रशिक्षण दिया गया था बाद में यह केन्द्र महज एक बैच के बाद ही बंद हो गया था अब इस बैच के प्रशिक्षण के प्रमाण पत्र कचरे में मिले हैं। ऐसे में युवाओं को प्रशिक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
यह है नियम
नियमानुसार आरएसएलडीसी की ओरसे जिले में संचालित प्रशिक्षण केन्द्रों का समय पर निरीक्षण करने का प्रावधान है। निरीक्षण के दौरान केन्द्र पर कमियां मिलने पर प्रशिक्षण प्रदाता के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है लेकिन सरकार की ओर से युवाओं के प्रमाण पत्र नहीं रोके जाते है। ताकि युवाओं का नुकसान ना हो।
फर्जीवाड़े की आशंका
योजना के तहत प्रशिक्षण के दौरान प्रश्उिाक्षणार्थियों को स्टाईफंड देने का प्रावध्उाान है ताकि युचा प्रशिक्षण केन्द्र पर आसानी से जा जा सके। इसके लिए प्रशिक्षणार्थी को एक हाजर रुपए देने का प्रावधा न है। ऐसे में स्टाईफंड के लालच में कई प्रशिक्षण प्रदाता स्टाई फंड के लालच में कई फर्जी दाखिले भी ले लेते हैं। ऐसे में युवाओं को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
पूर्व में भी हो चुकी है शिकायत
पीएमकेवीवाय योजना के तहत इस तरह का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी 2017 में पीएमकेवीवाय योजना के तहत फर्जीवाड़े की शिकायत की जा चुकी है। तब युवाओं ने प्रशिक्षण प्रदाता के खिलाफ जिला कलक्टर को ज्ञापन भी सौंपा था।
इनका कहना है….
मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है ना ही कोई शिकायत मिली है मामले की जांच कराकर कार्रवई की जाएगी।
– आदित्य सिंह, जिला कौशल समन्वयक, सवाईमाधोपुर।
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