जान का रहता है खतरा
वन क्षेत्र में लकड़ी की कटाई करने के लिए जंगल में घुसने वाले लोगों को जान का खतरा भी रहता है। वन क्षेत्र में वन्यजीवों का विचरण रहता है। ऐसे में कभी भी हादसा हो सकता है। पूर्व में भी कई बार हादसे हो चुके हैं। राजबाग वन क्षेत्र में लकड़ी काटने गई महिला को बाघ ने अपना शिकार बना लिया था। इसके बाद भी वन अधिकारी व ग्रामीण सबक लेने को तैयार नहीं हैं।
इन क्षेत्रों में समस्या अधिक
सूत्रों के अनुसार खण्डार रेंज के फरिया, मई कलां, मई खुर्द, खंडार किला, परसीपुरा, बानीपुरा, गोठ बिहारी, इटावदा, तलावड़ा सहित रेंज क्षेत्र में अनेक स्थानों पर स्वतंत्र रूप से अवैध कटाई कर वन संपदा को नष्ट किया जा रहा है। वहीं मेई कलां, तलावड़ा, फरिया व खंडार क्षेत्र में कई स्थानों पर मिट्टी एवं पत्थरों का अवैध खनन भी बेरोकटोक चल रहा है
फायरिंग रेंज में भी हो रही अवैध घुसपैठ
रणथम्भौर रोड पर गैस गोदाम के पास स्थित फायरिंग रेंज के वन क्षेत्र में भी धड़ल्ले से अवैध कटाई की जा रही है। जबकि इस क्षेत्र में भी बाघों का मूवमेंट बना रहता है। ऐसे में कभी भी कोई हादसा हो सकता है। हालांकि विभाग की ओर से अवैध चराई नियंत्रण के लिए विभिन्न दलों का गठन किया गया है, लेकिन इसके बाद भी अवैध कटाई रुकने का नाम नहीं ले रही है।
मुझे इसकी जानकारी नहीं है। अवैध चराई व कटाई की रोकथाम के लिए टीमें गठित की गई हैं। रोकथाम के लिए गश्त बढ़ाई जाएगी। लोगों को भी वन्यजीव खतरे से सावचेत रहना चाहिए।
मनोज पाराशर, सीसीएफ, रणथम्भौर बाघ परियोजना, सवाईमाधोपुर