scriptशौक को रखा जिंदा, 18 साल में लगाए इतने हजार पौधे, घर से लेकर निकलते हैं पानी के कैन | Kept the hobby alive, planted so many thousand plants in 18 years, takes water cans out from home | Patrika News
सवाई माधोपुर

शौक को रखा जिंदा, 18 साल में लगाए इतने हजार पौधे, घर से लेकर निकलते हैं पानी के कैन

बचपन से ही पर्यावरण के प्रति लगाव था। घर के बगीचे में पौधे लगाते थे। बाद में नौकरी की व्यस्तता में समय नहीं मिला। अब सेवानिवृत्ति के बाद अपने शौक को 78 वर्ष की उम्र में जिंदा रखे हुए हैं रामभरोसी शर्मा।

सवाई माधोपुरMay 06, 2024 / 02:39 pm

Kirti Verma

महेश गुप्ता
Inspirational Story : बचपन से ही पर्यावरण के प्रति लगाव था। घर के बगीचे में पौधे लगाते थे। बाद में नौकरी की व्यस्तता में समय नहीं मिला। अब सेवानिवृत्ति के बाद अपने शौक को 78 वर्ष की उम्र में जिंदा रखे हुए हैं रामभरोसी शर्मा। 18 साल में सार्वजनिक स्थानों मंदिर, पार्क, स्कूल, सरकारी कार्यालयों, श्मशान घाट, सड़क किनारे करीब दो हजार पौधे लगा चुके हैं। इतना ही नहीं इन पौधों को बच्चों की तरह सींचते हैं। पन्द्रह साल पहले लगाए पौधे अब दरख्त बन गए हैं। जिनकी छांव में लोग सुकून ले रहे हैं।
रेलवे से सीनियर सेक्शन इंजीनियर (कैरिज एण्ड वैगन) रामभरोसी वर्ष 2006 में सेवानिवृत्त हुए। इसके बाद अपने मिशन में जुट गए। सुबह छह बजे स्कूटी पर पौधे और पानी की कैन लेकर निकलते हैं। पौधे लगाने के बाद उनमें नियमित रूप से पानी डालते हैं। यदि किसी भामाशाह ने ट्री गार्ड लगवा दिया तो ठीक वरना, पत्थरों से ही सुरक्षा दीवार बना देते हैं। इन प्रयासों से ही पौधे पेड़ का रूप ले रहे हैं।
लगाते हैं परिंडे
पेड़-पौधों के साथ शर्मा गर्मियों में पक्षियों के लिए परिंडे भी लगाते हैं। उनमें रोज पानी भरने भी जाते हैं, जिससे उनका सदुपयोग हो सके।

वितरित करते हैं पौधे
शर्मा खुद नर्सरी से पौधे खरीदकर लाते हैं और लोगों को वितरित करते हैं। इनमें बरगद, पीपल, अशोक, तुलसी के पौधे शामिल हैं।
बचपन से ही पौधे लगाने का शौक था। सेवानिवृत्ति के बाद खाली समय में पर्यावरण बचाने के लिए पौधे लगाता हूं। लगातार देखभाल के कारण अब पौधों को पेड़ बनते देख दिल को सुकून मिलता है।
रामभरोसी शर्मा, सेवानिवृत्त रेलवे अधिकारी, गंगापुरसिटी
कच्छ में आए भूकंप के दौरान प्रबल हुई प्रेरणा
वर्ष 2000 में गुजरात के कच्छ में आए भूकंप के बाद शर्मा की पोस्टिंग वहां पर हो गई। इस दौरान चारों और वीरानी देखकर उन्होंने पानी की कमी होने के बाद भी रेलवे के कार्यालय परिसरों में पौधे लगाने का कार्य शुरू कर दिया। इससे वहां हरियाली हो गई। बाद में इनका तबादला फिर गंगापुरसिटी हो गया, लेकिन वीरानी की टीस से पौधे लगाने की प्रेरणा और प्रबल हो गई।

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