इससे पहले प्रदेश में गुर्जर आरक्षण आंदोलन शुक्रवार को आठवें दिन भी जारी रहा। हालांकि सरकार की ओर से दिनभर आंदोलन खत्म कराने के लिए प्रयास चलते रहे। इसे लेकर दोपहर ढाई बजे से शाम सात बजे तक गुर्जर प्रतिनिधियों एवं सरकार के बीच वार्ता चली, लेकिन वार्ता के बाद गुर्जर प्रतिनिधि ट्रैक पर ही आंदोलन के बारे में फैसला लेने की बात कहकर चल दिए। देररात तक गुर्जरों की ओर से आंदोलन खत्म करने पर कोई निर्णय नहीं किया गया।
गुर्जर समाज के लोग ट्रैक पर ही बैंसला के फैसले का इंतजार करते नजर आए। सरकार ने सुबह से दोपहर तक गुर्जरों से वार्ता के प्रयास किए। आखिर दोपहर को बात बनी। जब वार्ता के लिए आइएएस नीरज के पवन मकसूदनपूरा रेलवे ट्रैक पर पहुंचे और वार्ता का न्योता दिया। इनके बाद कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रवक्ता शैलेन्द्र सिंह, बेटे विजय बैंसला, जगदीश गुर्जर को वार्ता के लिए मलारना डूंगर भेजा।
दोपहर ढाई बजे वार्ता शुरू हुई। तीनों आइएएस नीरज के साथ कार में आए। वहां पर गुर्जर प्रतिनिधि मंडल ने सरकार के प्रतिनिधि मंत्री विश्वेन्द्र सिंह, नीरज के पवन के समक्ष 5 सूत्री मांगे रखी। करीब 3 बजे इस मांग पत्र को सरकार को भेजा गया। सरकार ने 5 सूत्री मांग पत्र पर शाम करीब पौने 6 बजे जवाब दिया। गुर्जर प्रतिनिधियों ने इसका खुलासा नहीं किया।
शाम सात बजे खत्म हुई वार्ता : दिन भर कई वार्ताओं का दौर चला, लेकिन शाम 7 बजे जाकर अंतिम वार्ता हुई। इसमें आंदोलन खत्म करने को लेकर कोई निर्णय नहीं किया गया। कर्नल बैसला के पुत्र विजय बैसला ने कहा कि वार्ता के लिए ट्रैक पर जा रहे है, वहीं पर कर्नल बैसला से सामने निर्णय होगा।