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सवाई माधोपुर

आरएसएलडीसी कार्यालय में पसरा सन्नाटा, कर्मचारी रहे नदारद

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सवाई माधोपुरOct 05, 2018 / 06:06 pm

Vijay Kumar Joliya

sawaimadhopur

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सवाईमाधोपुर. राजस्थान कौशल आजीविका विकास निगम कार्यालय गुरुवार को सूना रहा। यहां सुबह सवा ग्यारह बजे तक एक भी कार्मिक नहीं पहुंचा। ऐसे में कार्यालय में प्रशिक्षण संबंधी जानकारी लेने आने वाले बेरोजगार युवाओं को परेशानी का सामना करना पड़ा।

कार्यालय सूना छोड़ फील्ड में चले गए कार्मिक : जानकारी के अनुसार आरएसएलडीसी के जिला कौशल समन्यवक(डीएससी) व ऑफिस असिस्टेंट सुबह ही फील्ड में निकल गए। ऐसे में कार्यालय में एक भी कार्मिक नहीं रहा। गौतलब है कि विभाग की ओर से पूर्व में नई निविदा जारी कर डीएससी का पद सृजित किया था, इसके साथ ही एक ऑफिस असिस्टेट का पद भी सृजित किया गया था। अब आरएसएलडीसी में दो ही कार्मिक है। ऐसे में कार्मिकों की कमी के चलते कामकाज प्रभावित हो रहा है।
निष्पक्ष जांच व कार्रवाई की मांग
सवाईमाधेापुर. बसपा की जिला शाखा के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपकर भामाशाह नम्बर से गलत पंजीयन कर किसानों के हक का गबन करने के मामले की निष्पक्ष जांच व दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। जिलाध्यक्ष राजेश मीणा ने बताया कि गत दिनों खण्डार में खरीफ की फसल की तुलाई में भामाशाह नम्बर से गलत पंजीयन कर किसानों के साथ ठगी का मामला सामने आया था। इससे गरीब किसानों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। इस दौरान महेश, कन्हैया आदि मौजूद थे।
बालक को मिलाया परिवार से
सवाईमाधोपुर. बिहार से जयपुर बालश्रम करने आए एक बालक को चाइल्डलाइन ने गुरुवार को उसके परिवार के सुपुर्द कर दिया। निदेशक अरविन्दसिंह चौहान ने बताया कि 8 सितम्बर को आरपीएफ ने रेलवे स्टेशन पर एक बालक के लावारिस हाल में घूमते देख आरपीएफ कार्यालय पर ले आए।
सूचना पर पहुंची टीम ने बालक को अपने संरक्षण लेकर चाइल्डलाइन कार्यालय लाए। परामर्श के दौरान बालक ने बताया कि बालक समस्तीपुर बिहार का रहने वाला है और वह किसी के साथ चूड़ी का काम करने के लिए जयपुर आ गया था।

वह ट्रेन में बैठकर सवाईमाधोपुर आ गया बालक को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया, जहां से उसे मर्सी आश्रय गृह में अस्थायी तौर पर रखने के आदेश मिला। इसके बाद बालक के गृह जिले पुलिस और चाइल्डलाइन की सहायता ली गई, लेकिन परिजनों को ढूढऩे में कामयाबी नहीं मिली। काफी प्रयास के बाद समस्तीपुर पुलिस अधीक्षक से बात कर मामले की जानकारी दी गई।

तब जाकर पुलिस हरकत में आई और बालक के परिजनों की तलाश की। सूचना पर परिजन सवाईमाधोपुर पहुंचे। बालक एवं परिजनों को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया। जहां से बालक को उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया।

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