यहां लगाई सोलर लाइट : वर्तमान में रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान की करीब बीस चौकियों पर ही सोलर लाइट की व्यवस्था है। वन अधिकारियों ने बताया कि इनमें बालास, कुण्डाल, सुल्तानपुर चौकी, जोगी महल, गणेश धाम, लकड़दा आदि चौकियां शामिल हैं।अभी सिर्फ टॉर्च का सहारा : रणथम्भौर की अधिकतर चौकियों में सोलर लाइट के प्रबंध नहीं है। वहां सिर्फ टॉर्च ही सहारा है।
भगवतगढ़. कस्बे में झौपड़ा मार्ग पर स्थित झेरा के बालाजी मंदिर को जाने वाले रास्ते में सदैव कीचड़ भरा होने से श्रद्धालुओं को मंदिर जाने में परेशानी हो रही है। मंदिर के पुजारी मधुसूदन वैष्णव, नरेश राजोरिया, नरेंद्र सिंह गोहिल आदि ने बताया कि मंदिर जाने वाले रास्ते में पानी की निकासी नहीं होने से घरों व सार्वजनिक टंकी से बहने वाला पानी रास्ते में फैले रहने से कीचड़ रहता है। श्रद्धालुओं ने बताया कि लोगों द्वारा अतिक्रमण कर पानी की निकासी को बंद कर देने से यह समस्या बनी हुई है। इस बारे में श्रद्धालुओं एवं ग्रामीणों ने संसदीय सचिव जितेंन्द्र गोठवाल को अवगत कराया। इस पर संसदीय सचिव ने तहसीलदार के साथ करीब पांच माह पूर्व मौके पर पहुंचकर मंदिर मार्ग का निरीक्षण किया एवं तहसीलदार चौथ का बरवाड़ा को अतिक्रमण हटाने एवं पानी की निकासी की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए, लेकिन समस्या जस की तस है। कस्बे के ग्रामीणों ने संसदीय सचिव एवं जिला कलक्टर से समस्या के समाधान की मांग की।
करीब 25 हजार की लागत
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार एक चौकी पर सौर ऊर्जा से संचालित लाइट व संयत्र लगाने में करीब 25 हजार की लागत आई है। ऐसे में सभी चौकियों पर लाइट लगाने में करीब पचास लाख की लागत आएगी।
रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान की चौकियों पर सोलर लाइटें लगाने की योजना है। कुछ चौकियों पर लाइटें लगा दी गई हैं। जल्द ही सभी चौकियोंं पर लगा दी जाएंगी।
बीजो जॉय, उपवन संरक्षक, रणथम्भौर बाघ परियोजना, सवाईमाधोपुर।