यूं तो स्कूल के नाम पर सभी बच्चों का पसीना छूटने लगता है और ज्यादातर बच्चे स्कूल जाने के नाम पर रोने लगते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कई बच्चे स्कूल जाते वक्त महज इसलिए रोते हैं क्योंकि वह आपसे कुछ कहना चाहते हैं। आइये आपको बच्चों के इस मनोविज्ञान को समझने में आपकी सहायता करते हैं।
बच्चों के स्कूल में रोने के कई कारण हो सकते हैं। कई बच्चों को सुबह-सुबह जल्दी उठने या नींद खराब होने से भी रोना आता है जिससे वे स्कूल जाने से कतराने लगते हैं।
कुछ बच्चे किसी दूसरे बच्चे के कारण स्कूल जाने में आना-कानी करते हैं यानी आपका बच्चा किसी दूसरे बच्चे द्वारा सताया जा रहा है और आपका बच्चा उसका ठीक से मुकाबला नहीं कर पाता। कई बार बच्चे स्कूल से माहौल से भागने लगते हैं या फिर बच्चे को स्कूल का माहौल रास नहीं आता तो वे स्कूल जाने से रोने लगते हैं।
और भी हो सकते हैं कारण..
कुछ बच्चों में आत्मविश्वास की कमी होती है या फिर कई बच्चों में मोटापा होने के कारण उन्हें लोगों की नजरों में आना पसंद नहीं जिससे वे टीचर के किसी भी सवाल का जवाब देने से घबराते हैं, ऐसे में वे टीचर के सामने जाते ही रोने लगते हैं।
कुछ बच्चे जो कि अन्य बच्चों से बहुत तेज होते है अपनी किसी गलती को छिपाने के लिए या फिर दूसरों का ध्यान अपनी और आकर्षित करने के लिए भी रोना शुरू कर देते हैं।
कई बार बच्चे को कोई बीमारी या तकलीफ होती है या फिर स्कूल की किसी एक्टिविटी से परेशानी होते हैं लेकिन टीचर के डर से कह नहीं पाते। ऐसे में बच्चे स्कूल जाते ही रोने लगते हैं।
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