चिप्स की कमी पिछले वर्ष दिसम्बर से शुरू हुई थी। वजह, महामारी के बाद लगाए गए लॉकडाउन के कारण व्यक्तिगत उपकरणों की उपभोक्ताओं की मांग बढ़ी थी। यह कमी इस वर्ष भी बनी हुई है। परामर्शदाता फर्म एलिक्सपार्टनर्स ने मई में पूर्वानुमान लगाया था कि सेमीकंडक्टर की कमी से कार उद्योग की बिक्री में करीब 110 अरब डॉलर की कमी आ सकती है। ऑटो निर्माताओं को इलेक्ट्रॉनिक घटकों को प्राप्त करने के तरीके को ओवरहाल करने के लिए मजबूर कर दिया है। जेएलआर का कहना है कि वर्तमान में चिप की बड़ी कमी है और कोई भी भविष्यवाणी करना मुश्किल है। दुनिया के सबसे बड़े लग्जरी कार ब्रांड मर्सिडीज-बेंज ने मंगलवार को कहा कि चिप्स की कमी से दूसरी तिमाही के दौरान डिलीवरी काफी कम हो गई। यह कमी विशेषकर पिछले माह में ज्यादा रही। कार निर्माताओं का कहना है कि आने वाली दो तिमाहियों में आपूर्ति-शृंखला में कमी रहेगी।
चिप संकट के चलते वाहन उत्पादन में कमी करने में चीन की सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी भी पीछे नहीं रही। ब्लूमबर्ग की खबर के अनुसार साइक मोटर कॉर्प ने पहली छमाही में लगभग 500,000 कारों का उत्पादन घटा दिया। निसान मोटर कंपनी, हुंडई मोटर कंपनी और वोक्सवैगन एजी समेत अन्य वाहन निर्माताओं ने भी चेतावनी दी है कि गर्मियों में कारों की बिक्री कम होगी। आश्चर्यजनक रूप से, अमरीका का सुदृढ़ ऑटो बाजार गिरा है। ड्यूश बैंक एजी के विश्लेषक इमैनुएल रोसनर का अनुमान है कि अप्रेल में बिक्री लगभग 18.6 मिलियन वाहनों की वार्षिक गति से धीमी होकर मई में 17.1 मिलियन और जून में 15.7 मिलियन रह गई। चिप की कमी वाहन निर्माताओं के लिए उम्मीद की किरण भी हो सकती है। जैसा कि जेएलआर का कहना है- संकट बरकरार रहने के कारण वह अधिक मार्जिन वाले वाहनों के उत्पादन को प्राथमिकता देगी।