विज्ञान और टेक्नोलॉजी

बिना स्वैब टेस्टिंग के ऐसे भी तेजी से पता लगा सकते हैं कोरोना संक्रमण

शोधकर्ताओं ने कोरोना वायरस संक्रमण की टेस्टिंग के लिए इस्तेमाल किए जा रहे आरटीपीसीआर या एंटीजेन टेस्टिंग के स्थान पर एक्स-रे और एआई मिलाकर एक मशीन लर्निंग सिस्टम विकसित किया है।
 

नई दिल्लीMar 26, 2021 / 11:45 pm

अमित कुमार बाजपेयी

Tamil Nadu’s corona testing highest pan India

रियो डी जनेरियो। कोरोना वायरस मरीजों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से एक्स-रे एक अग्रणी डायग्नोस्टिक जरिया हो सकता है। अध्ययनकर्ताओं की एक टीम ने ने यह दावा किया है। आईईई/सीएए जर्नल ऑफ ऑटोमैटिका सिनिका में प्रकाशित हुए निष्कर्षों से यह संकेत मिलता है कि रिसर्च टीम ने कोरोना वायरस का पता लगाने के लिए कई अलग-अलग मशीन लर्निंग तरीका का इस्तेमाल किया। इनमें से 95.6 प्रतिशत और 98.5 प्रतिशत रेटिंग के साथ दो के नतीजे सामने आए हैं।
जरूर पढ़ेंः कोरोना से ठीक होने वाले लोगों को अपना शिकार बना रहा यह खतरनाक वायरस, डॉक्टर्स हुए हैरान

यूनिवर्सिडेड डे फोटार्लेजा के रिसर्चर विक्टर हूगो ने एक बयान में बताया, “हमने जांच करने का फैसला किया है कि क्या एक्स-रे इमेज का इस्तेमाल करके कोरोना वायरस संक्रमण का स्वचालित रूप से पता लगाया जा सकता है।”
कोरोना वायरस संक्रमण का पता लगाने के इस तरीके की सबसे बड़ी खूबी यह है कि स्वैब या लार से जुड़े क्लीनिकल टेस्ट में जो समय लगता है, उसकी तुलना में अधिकांश एक्स-रे इमेज मिनटों के भीतर उपलब्ध हो जाती हैं।
https://www.dailymotion.com/embed/video/x7z73k3
हालांकि, रिसर्चर्स ने कोरोना संक्रमित मरीजों के फेफड़ों को ऑटोमैटिक रूप से पहचानने के लिए अपने एआई मॉडल के लिए छाती के एक्स-रे की सार्वजनिक रूप से उपलब्धता को भी बड़ी कमी माना है। उनके पास सिर्फ 194 कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के एक्स-रे के साथ 194 स्वस्थ्य व्यक्तियों के एक्स-रे थे।
जरूर पढ़ेंः होम आइसोलेशन में रहने वाले COVID-19 मरीजों के लिए जल्द ठीक होने का रामबाण नुस्खा

डैमेज कंट्रोल के लिए टीम ने अन्य एक्स-रे इमेज के एक बड़े डेटासेट पर प्रशिक्षित मॉडल लिया। इसके बाद इसे कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के फेफड़ों की पहचान करने के लिए समान तरीकों का इस्तेमाल करने के लिए प्रशिक्षित किया।
विक्टर ने आगे कहा, “चूंकि एक्स-रे बेहद तेज और सस्ते हैं। ऐसे में ये (एक्स-रे) उन जगहों पर मरीजों को ट्राइज (आपातकाल में इलाज की प्राथमिकता का निर्धारण) करने में मदद कर सकते हैं, जहां स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली ध्वस्त हो चुकी है या फिर उन स्थानों पर जो ज्यादा बेहतर तकनीकी वाले प्रमुख केंद्रों की पहुंच से दूर हैं।”
https://www.dailymotion.com/embed/video/x7zhx5s
उन्होंने यह भी कहा कि यह स्वचालित रूप से मेडिकल इमेज (एक्स-रे) की पहचान और क्लासीफाई करके डॉक्टरों को बीमारी को पहचानने, इसकी गंभीरता को मापने और बीमारी को वर्गीकृत करने में सहायता कर सकता है।
जरूर पढ़ेंः 2015 में दी थी कोरोना महामारी की चेतावनी और अब बिल गेट्स ने की दो अगली आपदाओं की भविष्यवाणी

शोधकर्ताओं ने कहा कि वे बड़े डेटासेट के साथ अपनी विधि का परीक्षण जारी रखने की योजना बना रहे हैं। इसके साथ ही उनका लक्ष्य एक मुफ्त ऑनलाइन प्लेटफॉर्म विकसित करने का भी है।

Home / Science & Technology / बिना स्वैब टेस्टिंग के ऐसे भी तेजी से पता लगा सकते हैं कोरोना संक्रमण

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.