क्या हैं एफएए के नए नियम
पुराने नियम के तहत बेजोस और ब्रैसनन अंतरिक्ष यात्री कहलाते क्योंकि उन्होंने अंतरिक्ष उड़ान के एफएए की सभी कसौटियों को पूरा किया था, जिसमें कम से कम 50 मील (80.46 किमी) की ऊंचाई तक उड़ान भरना भी शामिल है। वर्ष 2004 में एफएए की स्थापना के बाद यह पहली बार है जब अंतरिक्ष संबंधित नियमों में बदलाव किया गया है। नए नियमों के अनुसार, एफएए के ‘कॉमर्शियल एस्ट्रोनॉट्स विंग्स’ (commmercial Astronauts Wings) हासिल करने के लिए अब अंतरिक्ष यात्रियों को ‘उड़ान के दौरान रॉकेट में उन गतिविधियों का प्रदर्शन करके दिखाना होगा जो प्रशिक्षण के दौरान सार्वजनिक सुरक्षा के लिए सिखाई गई थीं। एफएए का कहना है कि यह बदलाव इसलिए किया गया है क्योंकि यह ‘कॉमर्शियल स्पेस ऑपरेशंस’ के दौरान सार्वजनिक सुरक्षा के प्रति हमारी सीधी भूमिका से जुड़ा हुआ मामला है और हम इसमें कोताही नहीं बरत सकते। एफएए की स्थापना इस उद्देश्य से की गई थी कि हम उड़ान चालक दल के उन सदस्यों को चिन्हित कर सकें जो मनुष्यों को ले जाने के लिए डिज़ाइन किए गए अंतरिक्ष वाहनों की सुरक्षा को बढ़ावा दे सकें। अब वही फ्लाइट क्रू अंतरिक्ष यात्री कहलाएगा जो उड़ान के दौरान सुरक्षा गतिविधियों का खरा प्रदर्शन करेंगे।
फिर भी मानद उपधि मिलेगी
जो लोग फेडरेशन की इस नई कसौटी पर खरा नहीं उतरते उन्हें भी मायूस होने की जरूरत नहीं, क्योंकि एफएए उन्हें ‘कॉमर्शियल एस्ट्रोनॉट्स विंग्स’ की ‘मानद उपाधि’ देकर सम्मानित करेगा। ऐसे व्यक्ति जिन्होंने वाणिज्यिक मानव अंतरिक्ष उड़ान उद्योग में असाधारण योगदान या लाभकारी सेवा का प्रदर्शन किया होगा, उन्हें इस उपाधि से सम्मानित किया जाएगा। इसे पाने के लिए प्राधिकरण की प्रत्येक शर्त को पूरा करना आवश्यक नहीं होगा। हालांकि, ‘कॉमर्शियल एस्ट्रोनॉट्स विंग्स’ का कोई कानूनी महत्त्व नहीं है न ही इसे पाने वाले को कोई विशेषाधिकार हैं, यह सिर्फ मान्यता का प्रतीक है। वहीं, ब्लू ओरिजिन और वर्जिन गेलेक्टिक दोनों के अपने-अपने ‘विंग्स’ हैं जो वे अपने नियमों के अनुसार देते हैं।