जिला मुख्यालय पर आयोजित लोक अदालत में सुबह के समय तो सन्नाटा पसरा रहा, लेकिन जैसे-जैसे धूप बढ़ती गई, फरियादी और आरोपियों का पहुंचना शुरू हो गया। दोपहर बाद काफी भीड़ देखी गई। जिला मुख्यालय पर आयोजित लोक अदालत का शुभारंभ जिला न्यायालय में जिला न्यायाधीश ऋषभ कुमार सिंघई के मार्ग दर्शन में किया गया। कार्यक्रम में कलेक्टर तरूण कुमार पिथोड़े, पुलिस अधीक्षक राजेश चंदेल ने भी शिरकत की। शुभारंभ के बाद न्यायाधीश सिंघई ने लोक अदालत के स्टॉल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान न्यायाधीश ने दूर-दराज गांवों से आने वाले अभियुक्तों से भी बातचीत की और उसकी समस्याओं को सुना।
जानकारी के अनुसार नेशनल लोक अदालत में 18 खण्डपीठों के माध्यम से 1 हजार 218 आपराधिक प्रकरण रखे गए, जिसमें से 19 का निराकरण किया गया। पराक्रम्य के 490 प्ररकरण रखे गए, जिसमें से 71 प्रकरण का निराकरण किया गया। मोटर दुर्घटना दावा के 189 में से 20, बिजली चोरी के 314 में से 44 प्ररकरण का निराकरण, जिससे लोक अदालत में दो लाख 41 हजार 499 रुपए की राशि वसूली गई है। बिजली चोरी से संबंधित प्रीलिटिगेशन प्रकरण 3321 रखे गए थे, जिसमें से 134 प्रकरण का निराकरण किया गया और 15 लाख 55 हजार 866 रुपए की राशि वसूली गई। इसी प्रकार नगरपालिका से संबंधित सम्पत्तिकर एवं जलकर के 520 प्रीलिटिगेशन प्ररकरण रखे गए, जिसमें से 101 प्ररकण का निराकरण किया गया और 7 लाख 11 हजार 611 राशि की वसूली गई।
बैंक से संबंधित प्रीलिटिगेशन के 3784 प्रकरण में से 67 प्रकरणों का निराकरण किया, जिससे 58 लाख 28 हजार 068 वसूली गई। जिला मुख्यालय पर आयोजित लोक अदालत में सबसे ज्यादा बिजली विभाग और बैंक से संबंधित प्रकरण आए हैं। बिजली कंपनी और बैंक के लंबित प्रकरणों का समझौता होने से सबसे ज्यादा राशि की वसूली हुई है। बैंक के तीन हजार 784 प्रकरण में से 67 का निराकरण हुआ, जिसमें 58 लाख 28 हजार 068 रुपए की वसूली गई है।