शहर में बिजली कंपनी के 25 हजार उपभोक्ता हैं, जिनको कंपनी हर माह दो तारीख से बिल मुहैया कराने की बात कह रही है। यह जमीनी स्तर पर कितनी सही है, उसकी हकीकत अंतिम तारीख के तीन या फिर चार दिन पहले उपभोक्ताओं को मिल रहे बिल बता रहे हैं।
नवंबर महीने में भी कुछ इस तरह का होने से मंगलवार को कंपनी कार्यालय में बिल जमा कराने उपभोक्ताओं की भीड़ उमड़ पड़ी। यह भीड़ कुछ देर में कतार में बदल गई। इसमें युवा, बुजूर्ग से लेकर महिला तक शामिल थी। चार काउंटर और एक एटीपी मशीन से बिल जमा होने के बावजूद उनको डेढ़ से दो घंटे का समय लग गया। इस दौरान वह परेशान भी होते दिखाई दिए।
कंपनी वसूलती है पेनाल्टी की राशि….
कई क्षेत्र की बिल जमा कराने की अंतिम तारीख 15 नवंबर है। इससे उपभोक्ताओं के पास बिल जमा कराने दो दिन का समय शेष है। इससे भी भीड़ बढ़ी है।
उपभोक्ताओं का आरोप है कि पहले ही बिल देरी से मिलते हैं, उसको समय पर जमा नहीं कराया तो कंपनी पेनाल्टी वसूलती है। कम खपत के बाद भी मनमानी राशि के बिल थमा दिए जाते हैं। उसमें सुधार तक नहीं किया जाता है। ऐसे में बिल की राशि के अनुसार ही जमा कराना पड़ती है।
क्या है समस्या
– हर महीने समय पर नहीं मिलते बिल।
– कई उपभोक्ताओं को खपत से ज्यादा राशि के मिले बिल।
-उपभोक्ताओं की संख्या के हिसाब से काउंटर कम।
– अंतिम तारीख को करना पड़ता है बिल जमा कराने घंटों इंतजार।
– बढ़ी हुई राशि के बिलों में सुधार कराने काटना पड़ते हैं चक्कर
तीन दिन पहले बिल मिला है। आज इसे जमा कराने आया तो भीड़ के चलते परेशान होना पड़ रहा है। एक घंटे से लाइन में लगे हैं, फिर भी नंबर नहीं आया है।
राजा राठौर, नागरिक मंडी
बुजुर्गों की अलग से लाइन नहीं है। इस कारण भीड़ में ही खड़ा होकर बिल जमा कराना पड़ रहा है। डेढ़ घंटे बाद भी बिल जमा नहीं हुआ।
जगदीश प्रसाद राय, नागरिक नेहरू कॉलोनी
दुकान और मकान का बिल तीन से साढ़े तीन हजार के बीच आता था। इस महीने यह 7551 का आया है। मजबूरी में इतना ही बिल जमा कराना पड़ रहा है।
अरशद खां, नागरिक आनंद डेयरी
हर माह बिल अंतिम तारीख के कुछ दिन पहले मिलता है। इस माह भी दो दिन पहले बिल मिला है। गुरुवार अंतिम दिन है। आज ही आकर जमा कराना पड़ा।
ओमप्रकाश राजपूत, नागरिक कस्बा
समय पर दे रहे बिल
हम हर महीने उपभोक्ताओं को समय पर बिल देते हैं। जहां तक ज्यादा बिल की बात है तो ऐसा कुछ नहीं है। बिल की राशि कम ज्यादा होती रहती है।
पजन गंगेले, एई बिजली कंपनी सीहोर