आपको बता दें कि, इस बार किसानों की फसल कीट और अफलन से खराब हो गई है। किसानों ने सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए 2 घंटे तक घंटी बजाई और फसल का सर्वे न होने और पीछले साल की बीमा राशि न मिलने पर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की।
आखिरकार अब तो हमारी सुन लो सरकार
किसान राजेश मेवाडा के अनुसार, अफलन फसल के सर्वे के बाद आर्थिक सहायता देने के लिए 2 हफ्ते पहले कलेक्ट्रेट में ज्ञापन दिया। उस समय अफसरों ने कहा था कि पटवारियों की हड़ताल खत्म होते ही सर्वे कराए जाएंगे। लेकिन जिले के किसानों का आरोप है कि, सर्वे तो दूर की बात आज तक कोई फसल देखने तक नहीं आया। राजेश ने कहा कि, अब किसानों का सब्र खत्म हो चुका है, यही कारण है कि, आज किसानों ने प्रदर्शन के इस तरीके से सरकार और प्रशासन को जगाने का प्रयास किया है।
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इस तरह किसानों ने किया प्रदर्शन
इसी के चलते बुधवार को किसान विरोध जताते हुए हाथों में खराब फसल और घंटी लेकर पेड़ों पर चढ़ गए। पेड़ों के ऊपर से घंटी बजा कर नारेबाजी करते हुए कहा- आखिरकार अब तो हमारी सुन लो सरकार।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
मामले को लेकर सीहोर कृषि विभाग के एडीडीए रामशंकर जाट ने कहा कि, सोयाबीन फसल में कीट से नुकसान हुआ है। लेकिन नुकसान हुआ कितना है, इसका पता फसल कटाई के बाद उत्पादन के आधार पर ही चल सकेगा। हमारी टीम लगातार फसल की जानकारी ले रही है।