29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

स्वास्थ्य सेवा और ग्रामीण सेवाएं लगभग ठप, आरपार की लड़ाई के मूड में कर्मचारी

कर्मचारियों की मांगे पूरी हो या न हो, लेकिन हड़ताल के कारण आमजनों की हालत खराब है। जिलेभर में हड़ताल के कारण स्वास्थ्य सेवाओं...

2 min read
Google source verification

सीहोर

image

Sunil Sharma

Mar 27, 2018

hadtal

Sehore. The collapse of contractual staff caused the spoiler situation.

सीहोर. कर्मचारियों की मांगे पूरी हो या न हो, लेकिन हड़ताल के कारण आमजनों की हालत खराब है। जिलेभर में हड़ताल के कारण स्वास्थ्य सेवाओं के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में चल रही कई योजनाएं और सेवाएं लगभग ठप हो गई हैं। ६६० कर्मचारियों की लगातार हड़ताल के कारण कुछ जगह वेकल्पिक व्यवस्थाएं की गई, लेकिन इससे भी कोई खासा लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिम्मेदार भी समस्याओं को लेकर कुछ खास नहीं कर पा रहा है।

संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ संविदा कर्मचारियों की हड़ताल बाल विहार मैदान पर जारी है। स्वास्थ्य संविदा कर्मचारी पिछले ३६ दिनों से हड़ताल पर है, तो वही दूसरा संविदा कर्मचारी संगठन १२ दिनों से अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहा है। अब तक इन हड़तालों का कोई भी हल नहीं निकला है।

न ही प्रशासनिक और राजनैतिक स्तर पर भी कोई खासी पहल नजर आई है, लेकिन इस परिस्थितियों के विपरीत आमजन इस लड़ाई में पिसता जा रहा है। संगठन अपनी लड़ाई हर परिस्थितियों में जारी रखने की बात कह रहा है। इस वजह से जिले भर में कई सेवाएं ठप पड़ी हुई है। सेवाए नहीं मिलने के कारण ग्रामीणों को भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित
जिला मुख्यालय पर स्वास्थ्य विभाग में लगभग 500 संविदा कर्मचारी तैनात है। यह कर्मचारी नियमितिकरण और हटाए गए कर्मचारियों की वापसी को लेकर 19 फरवरी से हड़ताल पर बैठे हुए है। पिछले 36 दिनों से हड़ताल के कारण दवा वितरण, टीकाकरण, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य मिशन, गतिविधि, फाइनेंशल, गर्भवती स्वास्थ्य परीक्षण, नसबंदी सहित अन्य काम प्रभावित हो रहे है। इन कामों के लिए एएनएम, डाक्टर, नर्स स्टाफ, फार्मसिस्ट, लैब टेक्नीशियन, काउंसलर, प्रबंधन कार्य को लेकर जिलेभर में संविदा कर्मियों को नियुक्त किया गया था।

हड़ताल से ग्रामीण योजनाए भी अधर में
जिले के 160 संयुक्त संविदा कर्मचारी भी 15 मार्च से संविदा पद से मुक्त कर नियमित किए जाने को लेकर अनिश्चितकीलीन हड़ताल पर है। हड़ताल पर मनरेगा, मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम, महिला बाल विकास एंव समहिला सशक्तिकरण, योजना एंव सांख्यिकी विभाग, मनरेगा वाटर शेड, डीआरडीए, स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री आवास, कृषि सिंचाई योजना, विबजली विभाग, लोक स्वास्थ्य यंत्रिकी, पशु चिकित्सा, प्रधानमंत्री सड़क, इ-गवनेंस, मंडी बोर्ड प्रयोगशाला, लोक सेवा प्रबंधन, स्त्रोत सलाहकार विभाग, आयुष विभाग, आरएनटीपीसी, इसीसीई, समन्वयक, खेल विभाग सहित अन्य कार्यालयों द्वारा संचालित योजनाए लगभग ठप पड़ गई है। योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को भी नहीं मिल पा रहा है। इसके चलते कई कठिनाइयों का सामना आमजनों को करना पड़ रहा है।

वैकल्पिक व्यवस्थाओं से नहीं बन रही बात
संविदा कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से स्वास्थय विभाग ने वैकल्पिक व्यवस्थाएं की गई। इन व्यवस्थाओं के चलते कुछ काम करवाए जा रहे है। लेकिन अधूरे अप्रशिक्षितों से काम लेने के कारण भी यह व्यवस्था चल नहीं पा रही है। वही कई नियमित कर्मचारियों को ज्यादा चार्ज देने पर यह कर्मचारी भी नाराज हो रहे है। नियमित स्वास्थ्य कर्मचारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया की अधिकारी बस आदेश जारी करना जानते है। खुद के काम पहले ही ज्यादा है। उपर से अतिरिक्त प्रभार देने से पूर्व के काम भी बिगड़ रहे है।

क्या कहते हैं हड़ताली कर्मचारी
हम अपनी मांगों को लेकर अटल है, जब तक मांगे मान नहीं ली जाती, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। अब तक बहुत शोषण झेल चुके है, अब आरपार की लड़ाई का मन सभी कर्मचारियों ने बना लिया है। - तरूण राठौर, अध्यक्ष संविदा स्वास्थ्य संगठन, सीहोर

हमारे हड़ताल पर जाने से ग्रामीण क्षेत्र की अधिकांश सेवाएं प्रभावित हुई है। सरकार मांगें नहीं मानेगी तब तक हड़ताल जारी रहेगी। -शैलेन्द्र वर्मा, संयुक्त कर्मचारी संघ जिला अध्यक्ष, सीहोर