क्षेत्र के ग्राम छीपानेर में एक साथ सैकड़ों ट्रैक्टर-ट्राली नर्मदा से रेत निकालने के काम में लगी हुई है जहां की जानकारी शासन-प्रशासन और माइनिंग विभाग को भी है, लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। पहले तो कहा जाता था कि राजनीति एवं नेताओं के कारण इन ट्रैक्टर-ट्राली एवं डंपर पर कार्रवाई करने में प्रशासन के हाथ डगमगाते हैं, लेकिन वर्तमान में आचार संहिता लगी हुई है।
प्रतिबंध के बाद क्षेत्र की सड़कों पर रोजाना 200 से 250 डंपर एवं ट्रैक्टर-ट्रालियां निकल रहे हैं। रेत से भरे डंपर और ट्रैक्टर-ट्रालियां नसरुल्लागंज की सड़कों पर कतारबद्ध निकल रहे हैं, लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इनके खिलाफ राजस्व विभाग और पुलिस विभाग द्वारा कभी-कभार कार्रवाई करता है। माइनिंग विभाग की निश्क्रियता के चलते रेत माफियाओं के हौंसले बढ़ते जा रहे हैं। नर्मदा का हृदय छलनी होता जा रहा है। नर्मदा से रेत के उत्खनन पर परिवहन पर प्रतिबंधित क्षेत्र में दिखाई नहीं दे रहा है। माइनिंग विभाग की निष्क्रियता के चलते क्षेत्र में धड़ल्ले से रेत का कारोबार हो रहा। कई बार रेत कारोबारियों के बीच आपस में मारपीट विवाद भी हो रहे हैं। इसके बावजूद भी सख्त कार्रवाई प्रशासन द्वारा नहीं की जा रही है।
नर्मदा से अवैध रूप से रेत निकाले जाने वाले वाहनों पर लगातार कार्यवाही की जा रही है यहां तक की डंपर और हाईवा पर राज साथ किए जाने की कार्यवाही भी की जा रही है इसके बावजूद अगर नर्मदा से चोरी की रेट ले जाते हुए कोई वाहन दिखाई देगा तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पीसी पांडे, तहसीलदार नसरुल्लागंज