सीहोर आरएके कॉलेज के मौसम वैज्ञानिक एसएस तोमर ने बताया कि गुरुवार को पश्चिम की तरफ से 9 से 11 किमी की रफ्तार से हवाएं चली। यह अब 15 से 18 किमी की रफ्तार से उत्तर पश्चिम की तरफ से चलेगी।इससे बारिश के साथ ओलावृष्टि हो सकती है।ओलवृष्टि तेज हुई तो यह रबी फसल के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है।यह स्थिति अगले 24 घंटे तक रहेगी। किसानों ने बताया कि कुदरत की मार पीछा छोडऩे का नाम नहीं ले रही है। बता दे कि बीते कुछ सालों में भी फरवरी माह में ओलावृष्टि होने से फसल को नुकसान हो चुका है।
फसल को हो चुका है नुकसान
जनवरी महीने में पड़ी कड़ाके की ठंड से फसल को पहले ही काफी नुकसान हो चुका है।ऐसे में मौसम विभाग की भविष्यवाणी सही साबित हुई तो यह शेष बची फसल को भी नष्ट कर सकती है।इससे किसान फिर से संकट में आ गए हैं। किसानों ने बताया कि कुदरत की मार पीछा छोडऩे का नाम नहीं ले रही है। बता दे कि बीते कुछ सालों में भी फरवरी माह में ओलावृष्टि होने से फसल को नुकसान हो चुका है।
इधर न्यूनतम-अधिकतम तापमान में बढ़त
सात फरवरी को न्यूनतम तापमान 15 और अधिकतम 30 डिग्री रिकार्ड किया गया।एक दिन के अंदर ही न्यूनतम तापमान में एक तो अधिकतम में दो डिग्री की बढ़त दर्ज की गई है। मौसम विभाग की माने तो मौसम में आए बदलाव से तापमान फिर से डाउन होगा, जिससे कुछ दिन के लिए फिर से सर्दी बढ़ेगी।