जिला माइनिंग अधिकारी अहमद खान ने बताया कि चेतन परमार को माइनिंग से शिवपुरी में 1.453 हेक्टेयर क्षेत्र में पत्थर का उत्खनन करने के लिए जमीन लीज पर दी गई है। शुक्रवार को माइनिंग की टीम जब क्रेशर की जांच करने के लिए शिवपुरी पहुंची तो देखा कि क्रेशर पर पत्थर शाहपुर कोडिया गांव से लाया जा रहा है। माइनिंग की टीम तत्काल शाहपुर कोडिया गांव पहुंची, तो यहां पर देखा कि कृषि विभाग ने हितग्राही रमेश परमार के लिए बलराम तालाब स्वीकृत किया है। हितग्राहिया को करीब सरकार से अनुदान प्राप्त करने के लिए खुद मजदूर लगाकर तालाब की खुदाई करानी है, लेकिन हितग्राही और के्रशर संचालक ने मिलकर एक अवैध डील कर ली। हितग्राही रमेश परमार और क्रेशर संचालक चेतन परमार के बीच डील हुई कि तुम मेरा तालाब खोद दो। तालाब की खुदाई से जो पत्थर निकलेगा, वह तुम ले लेगा, मैं जेसीबी और ट्रैक्टर-ट्रॉली का भाड़ा नहीं दूंगा। इस डील के मुताबिक क्रेशर संचालक शाहपुर कोडिया गांव में पत्थर का अवैध उत्खनन करते मिला, जिलसे लेकर माइनिंग की टीम ने जेसीबी, ट्रैक्टर-ट्रॉली जब्त कर क्रेशर सील कर दिया है।
बलराम तालाब हो सकता है निरस्त
कृषि विभाग के अफसर इस तरह से फर्जीवाड़ा होने को लेकर किसान का स्वीकृत बलराम तालाब निरस्त कर सकते हैं। यदि बलराम तालाब बनाने के लिए कृषि विभाग ने अनुदान राशि जारी कर दी है तो उसकी वसूली की जा सकती है। जिला खनिज अधिकारी खान का तर्क है कि वह कलेक्टर को भेजी जाने वाली रिपोर्ट में भी इस बात का जिक्र करेंगे।
अवैध रूप से निकाले गए पत्थर की हो रही है माप
जिला खनिज अधिकारी खान ने बताया कि माइनिंग की टीम अभी मौके पर इस बात की जांच कर रही है कि अवैध रूप से कितना पत्थर निकाला गया है। खनिज विभाग जांच के बाद क्रेशर संचालक पर अवैध रूप से निकाले गए पत्थर की मात्रा के हिसाब से जुर्माना करेगा।