लोगों की जागरूकता पशुओं के लिए बन सकती है वरदान
पशु चिकित्सकों ने नागरिकों से कहा रखें ध्यान
सिवनी. पशुओं से ही पर्यावरण का संतुलन बनता है और पशुओं की मानव जीवन में सदियों से अहम भूमिका भी रही है लेकिन मनुष्य इन पशुओं के स्वास्थ्य के प्रति उदासीन रहा है। अगर हम इन पशुओं की देखभाल सही ढंग से करेंगे तो निश्चित ही हमें उसके लाभप्रद परिणाम भी अवश्य मिलेंगे। यह बात छिंदवाड़ा चौक स्थित पशु चिकित्सालय में पदस्थ डॉ. रंजना मलवलकर ने कही।
पशु उपचार के दौरान कई तरह की जटिल स्थितियों का अनुभव बयान करते डॉ. मलवलकर ने कहा कि अक्सर मौसम परिवर्तन काल को संक्रमण काल कहा जाता है ऐसे में मानव और पशुओं में भी इसका प्रभाव स्वास्थ्य पर पड़ता है। जब व्यक्ति मौसम को ध्यान में रखते हुये पशु को भोजन पानी देता है तो निश्चित ही वह बीमार नही पड़ते और स्वस्थ्य रहते है।
बताया कि पशु चिकित्सा विभाग समय-समय पर शिविरों के माध्यम से जानकारी तो देता ही है साथ ही विशेष परिस्थिति में मौके पर पहुंचकर पशुओं का इलाज भी सुलभ कराता है। पशुओं में चर्म रोग होना, इल्ली लग जाना, खुर के रोग आदि प्रमुख हैं। जिनका कारण मुख्यत: सफाई का अभाव होता है।
अक्सर मवेशियों में प्रजनन के दौरान ग्रामीण अंचलों में प्राचीन पद्धति का उपयोग किया जाता है, जिसके चलते मवेशियों के जच्चा बच्चा की मृत्यु हो जाती है। ऐसे समय में ग्रामीण एवं शहर के लोग मार्गदर्शन लेते है तो निश्चित ही जच्चा-बच्चा दोनों को बचाया जा सकता है। डॉ. मलवलकर ने आगे बताया कि लोग बाजार से दवाऐं लाकर पशुओंं का इलाज के लिये उपयोग करते है जो काफी महंगी भी होती है जबकि पशु चिकित्सालय में प्राथमिक परीक्षण शल्य क्रिया और दवायें हमेशा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाता है। मवेशी के अतिरिक्त अन्य पशुओं का उपचार भी यहां पर कार्यालीन समय पर किया जाता है। साथ ही विशेष परिस्थिति में पशु चिकित्सकों का दल भी लोगों को होने वाली परेशानी से निजात दिलाने का प्रयास करता है।
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