उधर स्थानांतरण होने के बाद भी लखनादौन में पदस्थ उप पंजीयक आरबी सिंह जमे है। उनका स्थानांतरण विधानसभा चुनाव-2023 के पूर्व हुआ था, लेकिन अब तक उनको कार्यमुक्त नहीं किया गया है। जानकारी के अनुसार उप पंजीयक सिंह का प्रशासनिक आधार पर पिछले विधानसभा चुनाव के पूर्व तीन वर्ष से अधिक समय से पदस्थ रहने के कारण स्थानांतरण हुआ था। शासन से आदेश जारी होने के पांच माह बीत गए, लेकिन वे कार्यमुक्त नहीं हुए।
भारत निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए राज्यों को पत्र लिखकर तबादला के लिए बनाए गए मापदंड व निर्देशों का गंभीरता व कड़ाई के साथ पालन करने के निर्देश दिए थे। ऐसा निर्देश स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव कराने की दिशा में दिया गया। चुनाव आयोग ने कहा कि तबादला एक से दूसरे जिले के बजाए संसदीय क्षेत्र से बाहर करना होगा। आयोग ने दो टूक कहा है कि तय किए गए मापदंड का पालन करना होगा और इसकी सूची भी आयोग को प्रेषित करनी होगी।
जल संसाधन विभाग के क्लास-वन एवं क्लास-टू के अधिकारी विगत चार वर्षों से अधिक समय से एक ही जगह पर पदस्थ है। निर्वाचन आयोग ने कई बार आदेश जारी कर तीन वर्ष से ऊपर एक ही जिले में पदस्थ रहने वालों को हटाने की बात कही है, लेकिन जल संसाधन विभाग अमला इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।
दर्जनभर डिप्टी कलेक्टर व तहसीलदार तीन वर्ष से जमे
जिले में दर्जनभर से अधिक डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार व नायब तहसीलदार भी तीन वर्ष से अधिक समय से जमे है। इनके सूची जिला निर्वाचन अधिकारी ने शासन को भेज दी है, लेकिन अभी तक किसी के स्थानांतरण नहीं हुए है। जिला लोकसेवा प्रबंधक भी लंबे समय से जिले में है। बताया जाता है कि पूर्व में इनका स्थानांतरण हुआ था। लेकिन कोर्ट के स्टे के बाद वे वहीं बने है। खास है कि यहां ऐसा क्या है कि लंबे समय से जमे अधिकारी जाना नहीं चाहते। चुनाव के समय इनके हस्तक्षेप की संभावना जताई जा रही है।
जिले के किसान कल्याण एवं कृषि विभाग, आयुष विभाग, जिला खाद्य आपूर्ति विभाग, सामाजिक न्याय विभाग, महिला बाल विकास विभाग, आदिम जाति कल्याण विभाग में तैनात अधिकारी लंबे समय से जमे है। इनमें कई बतौर प्रभारी विभाग प्रमुख का पद संभाल रहे हैं। आखिर क्या वजह है कि शासन-प्रशासन का ध्यान इस ओर आकृष्ट नहीं हो रहा है। यदि प्रभारी ही रखना है तो सभी विभाग में प्रदेश के अलग-अलग जिलों में बहुत अधिकारी पड़े हैं। ऐसे में कहीं वर्तमान में तैनात प्रभारी विभाग प्रमुख शासन व जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों पर भारी तो नहीं पड़ रहे हैं। यदि ऐसा नहीं है तो सालों से जमे इन अधिकारियों के सामने सिस्टम बौना साबित क्यों हो रहा है?
वर्जन – एक
लखनादौन एससी क्षेत्र है, वहां जब तक कोई रिलीवर नहीं आएगा उप पंजीयन को कार्यमुक्त नहीं किया जा सकता है। जिले में केवल तीन ही उप पंजीयक है। इसलिए उनको रिलीव करने में समस्या हो रही है।
– उमेश शुक्ला, जिला पंजीयक सिवनी
निर्वाचन आयोग का आदेश चुनाव कार्य से सीधे जुड़े अधिकारियों से है। जल संसाधन विभाग के अधिकारी सीधे नहीं जुड़े है। यदि चुनाव आयोग का ऐसा आदेश होता तो अब तक सभी का स्थानांतरण कर दिया गया होता।
– शिशिर मिश्रा, प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग भोपाल
चुनाव आयोग के स्थानांतरण का आदेश सब पर लागू नहीं है। यह आदेश कलेक्टर, पुलिस के अधिकारी, एआरओ, आरओ व सीइओ जनपद सहित डेवलपमेंट से जुड़े अधिकारियों पर है। विभाग प्रमुख के पद पर तैनात प्रभारी अधिकारियों की जानकारी शासन को भेजी जाती है। नई भर्तियां हुई है, उम्मीद है जल्द ही कुछ नया होगा।
– क्षितिज सिंघल, कलेक्टर सिवनी