खेतों की मिट्टी में नत्रजन, सल्फर, जिंक की कमी
सिवनी•Jun 20, 2019 / 11:45 am•
santosh dubey
लागत कम करने में लाभकारी है मृदा स्वास्थ्य कार्ड
सिवनी. जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर के अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र सिवनी के मृदा वैज्ञानिकों द्वारा कृषकों को बताया गया कि कृषि में लागत कम करके अधिक उत्पादन लेना है तो सभी किसान अपने खेतों की मिट्टी का परीक्षण कराएं व स्वाइल हेल्थ कार्ड बनवाएं। वहीं किसानों को स्वाइल हेल्थ कार्ड वितरण कर उन्हें कृषि संबंधित आवश्यक जानकारी से अवगत कराया गया।
कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी गई थी कि वे ग्रीष्मकाल के दौरान जो मृदा नमूने जांच कराएं हैं। मृदा स्वास्थ कार्ड में मिट्टी की गुणवत्ता के अनुसार बताई हुई खाद व उर्वरक की मात्रा जो आपको खरीफ मौसम में फसल विशेष के अनुसार अनुषंसित की गई है। उस मात्रा का उपयोग करेंगे तो आपकी लागत कम करने में कारगर साबित होगा। वहीं विकासखण्ड केवलारी के ग्राम पंचायत पांजरा से आए किसानों को कृषि वैज्ञानिकों ने स्वाइल हेल्थ कार्ड वितरण कर उन्नत कृषि के बारे में जानकारी दी।
मृदा वैज्ञानिक डॉ. केके देशमुख ने बताया कि मृदा की उत्तम गुणवत्ता के साथ कृषकों के खेतों से प्राप्त मिट्टी के नमूने की जांच की जाती है। मिट्टी में उपलब्ध पोषक तत्वों की जांच तकनीकी मार्गदर्शन व निर्देशन में मृदा प्रयोगशाला कृषि विज्ञान केंद्र, सिवनी में किया जाता है जिसमें पीएच, ईसी एवं आर्गेनिक कार्बन प्रमुख पोषक तत्वों में नाईट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, द्वितीयक पोषक तत्व में मुख्य रूप से सल्फर एवं सूक्ष्म पोषक तत्वों में आयरन, जिंक, कांॅपर, मैगनीज आदि की मृदा में जांच की जाती है। विगत वर्षों में कृषि विज्ञान केंद्र के मृदा प्रयोगशाला में मृदा वैज्ञानिक द्वारा किए गए जांच में पाया गया कि सिवनी जिले के कृषकों के खेतों से प्राप्त अधिकांश मृदा के नमूनों में प्रमुख पोषक तत्व नत्रजन एवं सल्फर एवं सूक्ष्म पोषक तत्वों में जिंक की कमी पाई जा रही है। अत: पोषक तत्वों के कमी वाले प्रक्षेत्रों में मृदा जांच करवाकर कृषक फसलों के अनुसार अनुशंषित पोषक तत्वों का संतुलित मात्रा में उपयोग करें। साथ ही, जैविक खाद एवं जैव उर्वरकों का अधिकाधिक उपयोग करें ताकि मृदा की उर्वरता एवं उत्पाकता लंबे समय तक टिकाउ बनी रहे। वर्तमान में कृषकों द्वारा प्राप्त खेतों के मृदा सेम्पल की जांच एवं मृदा स्वास्थ कार्ड के वितरण का कार्य लगातार जारी है।
कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. शेखर सिंह बघेल ने बताया की फसल के लिए सबसे ज्यादा जरूरी होती है मिट्टी यदि मिट्टी की गुणवत्ता ही सही नहीं होगी तो फसलोंत्पादन भी सहीं नहीं होगा। कृषकों के लिए खेत की मिट्टी की सही व सटीक गुणवत्ता व स्वास्थ्य की जानकारी के लिए मृदा की जांच अतिमहत्वपूर्ण है। हमारे कृषक भाई स्वाइल हैल्थ कार्ड जो कृषकों को मृदा की जांच के बाद वितरित किया जाता है। इसके द्वारा मृदा के स्वास्थ के साथ ही कृषकों की अतिरिक्त लागत जो खेतों में उर्वरक के कारण बढ़ जाती है इसे कम करता है व रासायनिक उर्वरकों द्वारा हो रहे पर्यावरण प्रदूषण व नुकसान से बचाव करता है। स्वाइल हेल्थ कार्ड एक रिपोर्ट कार्ड है जो मिट्टी के गुण के बारे में, महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कराता है। जैसे मिट्टी के प्रकार, उपलब्ध पोषक तत्व की संख्या एवं मात्रा, आवष्यक खादों की मात्रा, पीएच, ईसी, आर्गेनिक कार्बन एवं फसल विशेष के अनुसार अनुशंसित उर्वरक की मात्रा आदि ताकि मिट्टी के स्वास्थ व संतुलन सही रहे साथ ही कम लागत में आधिक पैदावार मिल सके।
स्वाइल हेल्थ कार्ड के लाभ
कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि कृषकों के खेतों की मृदा स्वास्थ की सम्पूर्ण जानकारी मृदा स्वास्थ कार्ड में प्राप्त होती है। मृदा में फसल विशेष के अनुसार सही व सटीक उर्वरक की मात्रा की जानकारी प्राप्त होती है। संतुलित पौध पोषक तत्व प्रबंधन में उपयोगी। खेतों में फसलों के लिए अनावश्यक उर्वरक देने से बचत। खेती में लागत कम करने में अतिमहत्वपूर्ण। खाद्यान फसलों दलहनी एवं तिलहनी फसलें है मृदा हेल्थ कार्ड तीन वर्ष तक उपयोगी। अनावश्यक उर्वरकों का फसलों में प्रयोग में कमी/फलस्वरूप पर्यावरण प्रदूषण कम होता है।