दरअसल, डीआरआएम के आदेश पर मंडल अभियंता, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे नागपुर ने ऑपरेशन मैनेजर नागपुर मंडल को पत्र लिखा था। इसके बाद छिंदवाड़ा से नैनपुर तक शनिवार को 121 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से विद्युत इंजन दौड़ाया गया। इंजन सुबह नौ बजे इतवारी रेलवे स्टेशन से रवाना होकर सुबह करीब 11.30 बजे छिंदवाड़ा पहुंचा। इसे छिंदवाड़ा से दोपहर 12.15 बजे 121 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से नैनपुर के लिए रवाना किया गया।
इंजन सिवनी से दोपहर 01.02 बजे बिना रुके गुजरा। नैनपुर में इंजन दोपहर 03.20 बजे पहुंचा। कॉशन ऑर्डर की वजह से कई स्थानों पर रफ्तार धीमी करनी पड़ी। इसलिए इंजन को तीन घंटे से अधिक समय नैनपुर तक पहुंचने में लगा। अनुमान लगाया जा रहा है कि उक्त रेलमार्ग पर जब भी ट्रेन का परिचालन शुरू होगा, तब 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन दौड़ाई जा सकती है।
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ट्रायल में बढ़ाई गई स्पीड
आदेश के अनुसार डीआरएम नमिता त्रिपाठी ने वरिष्ठ परिचालन प्रबंधक (सीनियर डीओएम) को निर्देशित किया था कि शनिवार को दोलन निगरानी प्रणाली परीक्षण (ओएमएस, आस्क्लिेशन मानीटरिंग सिस्टम) के जरिए छिंदवाड़ा से चौरई, सिवनी, भोमा, केवलारी के रास्ते नैनपुर के बीच 121 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से विद्युत इंजन से ट्रायल किया जाए। आदेश में कहा गया था कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर मुख्यालय से यह तय किया गया है कि वर्तमान में नैनपुर छिंदवाड़ा के बीच अधिकतम गति सीमा 90 किलोमीटर प्रति घंटे को बढ़ाकर 110 किलो मीटर की जाएगी। इसके लिए 110 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से 11 फीसदी अधिक की गति यानी 121 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से रेलगाड़ी को चलाया जा सकता है।