सिंहपुर रोड स्थित एक निजी अस्पताल में मरीज के इलाज में लापरवाही का मामला सामने आया है। पहले मरीज की इलाज में लापरवाही बरती गई। बाद में आयुष्मान कार्ड लेने से इनकार कर दिया गया। परिजनों का आरोप है कि जब मरीज की मौत हो गई तब भी शव ले जाने नहीं दिया। बाद में खड़ी फसल बेचकर अस्पताल प्रबंधन को राशि चुकाई। बुढ़ार चौक सिंहपुर रोड स्थित इस अस्पताल में काफी समय तक हंगामा मचा रहा।
सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और परिजनों को समझाइश देकर कार्रवाई का आश्वासन दिया। पति संतोष राठौर ने पुलिस को बताया कि पत्नी पुष्पा राठौर को इलाज कराने निजी अस्पताल लेकर गए थे। महिला को पिछले कई दिन से रखकर इलाज किया जा रहा था। इस दौरान इलाज के नाम पर मोटी रकम की वसूली की गई। बाद में फिर से 64 हजार रुपए की डिमांड की जा रही थी। परिजनों द्वारा आयुष्मान कार्ड भी दिखाया गया लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने हाथ खड़े कर दिए।
उनका कहना था कि इस प्रकरण में आयुष्मान कार्ड से इलाज नहीं हो सकेगा। बाद में महिला की हालत बिगड़ी तो अस्पताल प्रबंधन और राशि की मांग करने लगा। पति का आरोप है कि पैसा न होने पर खड़ी फसल बेचकर राशि चुकाई है। बाद में परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। अस्पताल में मौजूद डॉक्टर अजय राठिया का कहना था कि महिला की मौत कुछ घंटे पहले हो चुकी है।
मंत्री का रिश्तेदार बतानेवाले युवक पर FIR, गृहमंत्री के नाम की दे रहा था धौंस मामले में टीआई कोतवाली रत्नांबर शुक्ला का कहना है कि शिकायत के आधार पर मामले की जांच कराई जाएगी। इधर प्राइवेट अस्पताल देवांता अस्पताल के डॉक्टर वीके त्रिपाठी एवं बृजेश पांडे के खिलाफ देर रात केस दर्ज कर लिया गया. उनपर धोखाधड़ी, डरा धमका कर व गाली गलौज कर मरीजों से अधिक पैसा वसूलने के मामले में कोतवाली में धारा 294,384,420 के तहत अपराध दर्ज किया गया.