शहडोल से मुंबई नागपुर तक ट्रेन
शहडोल से मुंबई नागपुर तक सीधी ट्रेन शुरू होने से शहडोल को एक नई सौगात मिलेगी। मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज और यूनिवर्सिटी आने की वजह से एक बड़ा वर्ग शहडोल से जुड़ेगा।
नागपुर मुंबई तक सीधी ट्रेन जहां एक ओर चिकित्सा सेवाओं के लिए अहम भूमिका निभाएगी तो वहीं दूसरी ओर यहां बाहर से आने वाले छात्र छात्राओं को मदद
मिलेगी लेकिन अब तक सौगात नहीं मिली है।
शहडोल से मुंबई नागपुर तक सीधी ट्रेन शुरू होने से शहडोल को एक नई सौगात मिलेगी। मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज और यूनिवर्सिटी आने की वजह से एक बड़ा वर्ग शहडोल से जुड़ेगा।
नागपुर मुंबई तक सीधी ट्रेन जहां एक ओर चिकित्सा सेवाओं के लिए अहम भूमिका निभाएगी तो वहीं दूसरी ओर यहां बाहर से आने वाले छात्र छात्राओं को मदद
मिलेगी लेकिन अब तक सौगात नहीं मिली है।
एयर सुविधा से उद्योगों को मिलेगी उड़ान
शहडोल में रिलायंस, ओरियंट पेपर मिल, मोजर बेयर सहित कई बड़े उद्योग हैं। अक्सर यहां बड़े अधिकारियों को एयर सुविधा लेने के लिए रायपुर तक का सफर करना पड़ता है। पूर्व में लालपुर में एयर स्ट्रिप शुरू करने की पहल भी की गई थी लेकिन बाद में यह ठण्डे बस्ते में चली गई। एयर सुविधा न होने की उद्योग और व्यापार में भी असर पड़ रहा है। संभाग मे एयर सुविधा शुरू होती है तो व्यापार औरउद्योगों को उड़ान मिलेगी।
शहडोल में रिलायंस, ओरियंट पेपर मिल, मोजर बेयर सहित कई बड़े उद्योग हैं। अक्सर यहां बड़े अधिकारियों को एयर सुविधा लेने के लिए रायपुर तक का सफर करना पड़ता है। पूर्व में लालपुर में एयर स्ट्रिप शुरू करने की पहल भी की गई थी लेकिन बाद में यह ठण्डे बस्ते में चली गई। एयर सुविधा न होने की उद्योग और व्यापार में भी असर पड़ रहा है। संभाग मे एयर सुविधा शुरू होती है तो व्यापार औरउद्योगों को उड़ान मिलेगी।
इन विभागों के संभागीय दफ्तर भी नहीं
शहडोल संभाग में हार्डिकल्चर, एक्साइज सहित नापदौड़, मछली विभाग, वेटनरी का विभाग का संभागीय कार्यालय शहडोल में नहीं है। इसी तरह कोषालय विभाग का संभागीय कार्यालय सेंशन होने के बाद भी अधिकारियों की पदस्थापना नहीं की गई है। कोषालय विभाग में संभागीय अधिकारी न होने की वजह से शासकीय काम के लिए रीवा जाना होताहै।
शहडोल संभाग में हार्डिकल्चर, एक्साइज सहित नापदौड़, मछली विभाग, वेटनरी का विभाग का संभागीय कार्यालय शहडोल में नहीं है। इसी तरह कोषालय विभाग का संभागीय कार्यालय सेंशन होने के बाद भी अधिकारियों की पदस्थापना नहीं की गई है। कोषालय विभाग में संभागीय अधिकारी न होने की वजह से शासकीय काम के लिए रीवा जाना होताहै।
लोकायुक्त- पहले ही लग जाती है भनक
संभागीय मुख्यालय होने के बाद भी लोकायुक्त का कार्यालय शहडोल में नहीं है। शहडोल उमरिया और अनूपपुर के लोगों को रिश्वत की शिकायत रीवा में करनी पड़ती है। धीमी रफतार और दूर होने की वजह से कई बार पहले ही रिश्वतखोर अधिकारी कर्मचारी को भनक लग जाती है। इसके अलावा पीडि़त को रीवा जाकर शिकायत करनी पड़ती है। इस स्थिति में फरियादियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
संभागीय मुख्यालय होने के बाद भी लोकायुक्त का कार्यालय शहडोल में नहीं है। शहडोल उमरिया और अनूपपुर के लोगों को रिश्वत की शिकायत रीवा में करनी पड़ती है। धीमी रफतार और दूर होने की वजह से कई बार पहले ही रिश्वतखोर अधिकारी कर्मचारी को भनक लग जाती है। इसके अलावा पीडि़त को रीवा जाकर शिकायत करनी पड़ती है। इस स्थिति में फरियादियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
नगरीय प्रशासन- रीवा से चलता है दफ्तर
शहडोल संभाग में नगरीय प्रशासन का संभागीय कार्यालय नहीं है। शहडोल उमरिया और अनूपपुर के सभी पत्राचार रीवा से किए जाते हैं। कई बड़े निर्णय के लिए संभागीय अधिकारियों से रीवा में बात करनी पड़ती है। इसके अलावा संभाग के सीएमओ को मीटिंग सहित फरियादियों को संभागीय स्तर के कार्यो के लिए रीवा तक दौड़ लगानी पड़ती है। न तो नगरीय प्रशासन का संभागीय कार्यालय शहडोल में खुला है और न ही किसी अधिकारी की पदस्थापना हुई।
शहडोल संभाग में नगरीय प्रशासन का संभागीय कार्यालय नहीं है। शहडोल उमरिया और अनूपपुर के सभी पत्राचार रीवा से किए जाते हैं। कई बड़े निर्णय के लिए संभागीय अधिकारियों से रीवा में बात करनी पड़ती है। इसके अलावा संभाग के सीएमओ को मीटिंग सहित फरियादियों को संभागीय स्तर के कार्यो के लिए रीवा तक दौड़ लगानी पड़ती है। न तो नगरीय प्रशासन का संभागीय कार्यालय शहडोल में खुला है और न ही किसी अधिकारी की पदस्थापना हुई।
चिकित्सा- हर हफ्ते रीवा की दौड़
स्वास्थ्य विभाग का संभागीय कार्यालय शहडोल में न होने की वजह से सबसे ज्यादा अधिकारी कर्मचारी वर्ग को दिक्कतों से गुजरना पड़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को हर छोटे छोटे शासकीय कार्यो के लिए रीवा जेडी कार्यालय की दौड़ लगानी पड़ती है। आधा महीना अधिकारियों का इसी में बीत जाता है। इसी तरह सरकारी अधिकारी कर्मचारियों को १० हजार से ज्यादा के इलाज के बिल के लिए रीवा जेडी कार्यालय तक जाना मजबूरी है।
स्वास्थ्य विभाग का संभागीय कार्यालय शहडोल में न होने की वजह से सबसे ज्यादा अधिकारी कर्मचारी वर्ग को दिक्कतों से गुजरना पड़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को हर छोटे छोटे शासकीय कार्यो के लिए रीवा जेडी कार्यालय की दौड़ लगानी पड़ती है। आधा महीना अधिकारियों का इसी में बीत जाता है। इसी तरह सरकारी अधिकारी कर्मचारियों को १० हजार से ज्यादा के इलाज के बिल के लिए रीवा जेडी कार्यालय तक जाना मजबूरी है।
बिजली विभाग सीधी में होती है सुनवाई
शहडोल संभाग की बिजली विभाग का दफ्तर सीधी से चल रहा है। कई बड़े अधिकारियों की सीधी में पदस्थापना की गई है। कई मामलों में सुनवाई सीधी में होती है। इसके अलावा अधिकारियों को भी निर्णय सीधी कार्यालय के अधीनस्थ लेने होते हैं। इससे कई मर्तबा दिक्कतें आती हैं। बिजली विभाग के अधिकारियों को कई कार्यो के लिए सीधी के लिए दौड़ लगानी पड़ती है। शहडोल में बड़े अधिकारी बैठने से सहूलियत होगी।
शहडोल संभाग की बिजली विभाग का दफ्तर सीधी से चल रहा है। कई बड़े अधिकारियों की सीधी में पदस्थापना की गई है। कई मामलों में सुनवाई सीधी में होती है। इसके अलावा अधिकारियों को भी निर्णय सीधी कार्यालय के अधीनस्थ लेने होते हैं। इससे कई मर्तबा दिक्कतें आती हैं। बिजली विभाग के अधिकारियों को कई कार्यो के लिए सीधी के लिए दौड़ लगानी पड़ती है। शहडोल में बड़े अधिकारी बैठने से सहूलियत होगी।
एयर सुविधा से बढ़ेगा आर्थिक विकास
व्यवसायी प्रकाश रस्तोगी ने बताया कि एयर सुविधा न होने की वजह से सबसे ज्यादा असर व्यापार पर पड़ रहा है। एयर सुविधा शुरू होने से 30 से 40 फीसदी व्यापार और उद्योग में बढ़ोत्तरी होगी। अभी रायपुर से एयर सुविधा लेनी पड़ती है। मेडिकल व इंजीनियरिंग कॉलेज शुरू होने से एक बड़ा वर्ग एयर कनेक्निविटी से जुड़ जाएगा। व्यवसायी रस्तोगी के अनुसार एयर कनेक्टिविटी शुरू होने से शहडोल का आर्थिक विकास भी तेजी से होगा।
व्यवसायी प्रकाश रस्तोगी ने बताया कि एयर सुविधा न होने की वजह से सबसे ज्यादा असर व्यापार पर पड़ रहा है। एयर सुविधा शुरू होने से 30 से 40 फीसदी व्यापार और उद्योग में बढ़ोत्तरी होगी। अभी रायपुर से एयर सुविधा लेनी पड़ती है। मेडिकल व इंजीनियरिंग कॉलेज शुरू होने से एक बड़ा वर्ग एयर कनेक्निविटी से जुड़ जाएगा। व्यवसायी रस्तोगी के अनुसार एयर कनेक्टिविटी शुरू होने से शहडोल का आर्थिक विकास भी तेजी से होगा।
बड़े दफ्तरों के अलावा सीवरेज सिस्टम जरूरी
रिटायर्ड अधिकारी और समाजसेवी केपी महिन्द्रा ने कहा कि शहर के विकास के लिए सबसे पहले मूलभूत ढांचे पर फोकस करना होगा। सीवरेज सिस्टम को लेकर नगरपालिका को गंभीर होना होगा वरना आने वाले दिनों में शहर में भयावह स्थिति हो जाएगी। स्वच्छता के अलावा सीजरेज सिस्टम में गंभीरता से ध्यान देना होगा। इसके अलावा विकास के लिए इन संभागीय दफ्तरों का शहडोल में ही संचालित करना होगा।
रिटायर्ड अधिकारी और समाजसेवी केपी महिन्द्रा ने कहा कि शहर के विकास के लिए सबसे पहले मूलभूत ढांचे पर फोकस करना होगा। सीवरेज सिस्टम को लेकर नगरपालिका को गंभीर होना होगा वरना आने वाले दिनों में शहर में भयावह स्थिति हो जाएगी। स्वच्छता के अलावा सीजरेज सिस्टम में गंभीरता से ध्यान देना होगा। इसके अलावा विकास के लिए इन संभागीय दफ्तरों का शहडोल में ही संचालित करना होगा।
बड़े उद्योग शहडोल में ही हों स्थापित
व्यापार से जुड़े हरीश अरोरा के अनुसार शहडोल में ही बड़े उद्योग स्थापित होने से विकास होगा। बड़े उद्योगों को शुरू कराने के लिए प्रक्रिया सरल करनी होगी। शहडोल में बड़े उद्योग शुरू होने तेजी से विकास होगा। उद्योगों को शहडोल में ही स्थापित कराना होगा। रिलायंस सीबीएम गैस को प्रोडक्शन के बाद
बाहर ले जा रही है। प्लांट शहडोल में ही स्थापित होने से कई छोटे उद्योगों को भी उड़ान मिलेगी। टाइल्स सहित कई उद्योगों को संचालित करना आसान होगा।
व्यापार से जुड़े हरीश अरोरा के अनुसार शहडोल में ही बड़े उद्योग स्थापित होने से विकास होगा। बड़े उद्योगों को शुरू कराने के लिए प्रक्रिया सरल करनी होगी। शहडोल में बड़े उद्योग शुरू होने तेजी से विकास होगा। उद्योगों को शहडोल में ही स्थापित कराना होगा। रिलायंस सीबीएम गैस को प्रोडक्शन के बाद
बाहर ले जा रही है। प्लांट शहडोल में ही स्थापित होने से कई छोटे उद्योगों को भी उड़ान मिलेगी। टाइल्स सहित कई उद्योगों को संचालित करना आसान होगा।
शहडोल के लिए एयर सुविधा जरूरी
रिलायंस के हेड एक्सटर्नल इंटरफेस बिजीत झा के अनुसार शहडोल के लिए एयर सुविधा बेहद जरूरी है। एयर कनेक्निविटी शुरू होने से उद्योग और व्यापार में अच्छा असर पड़ेगा। अभी एयर सुविधा के लिए रायपुर और जबलपुर जाना पड़ता है। कई अधिकारियों को भी शहडोल तक पहुंचने में एयर कनेक्निविटी की सुविधा नहीं मिल पाती है। शहडोल में एयर कनेक्निविटी के लिए गंभीरता से पहल करनी चाहिए। यह
हर वर्ग के लिए काफी सहूलियत देगा।
रिलायंस के हेड एक्सटर्नल इंटरफेस बिजीत झा के अनुसार शहडोल के लिए एयर सुविधा बेहद जरूरी है। एयर कनेक्निविटी शुरू होने से उद्योग और व्यापार में अच्छा असर पड़ेगा। अभी एयर सुविधा के लिए रायपुर और जबलपुर जाना पड़ता है। कई अधिकारियों को भी शहडोल तक पहुंचने में एयर कनेक्निविटी की सुविधा नहीं मिल पाती है। शहडोल में एयर कनेक्निविटी के लिए गंभीरता से पहल करनी चाहिए। यह
हर वर्ग के लिए काफी सहूलियत देगा।