scriptहादसे में बंदर की मौत के बाद बच्चे को नहीं हुआ यकीन, घंटो रो- रोकर जगाता रहा, रुला देगी इस बंदर के बच्चे की कहानी | maa ki mamta: baby monkey weeps over mothers carcass in high way | Patrika News
शाहडोल

हादसे में बंदर की मौत के बाद बच्चे को नहीं हुआ यकीन, घंटो रो- रोकर जगाता रहा, रुला देगी इस बंदर के बच्चे की कहानी

हादसे में बंदर की मौत के बाद उसका बच्चा शव के नजदीक ही रोता रहा। उसे मां की मौत का यकीन नहीं हुआ तो बार – बार जगाता भी रहा।

शाहडोलOct 24, 2019 / 01:28 pm

shubham singh

maa ki mamta: baby monkey weeps over mothers carcass in high way

maa ki mamta

मंडला. जानवरों में भी भावनाएं होती हैं। इंसान का रूप होता है। हादसे में बंदर की मौत के बाद उसका बच्चा शव के नजदीक ही रोता रहा। उसे मां की मौत का यकीन नहीं हुआ तो बार – बार जगाता भी रहा। वाहन की टक्कर लगने से मौत के बाद बच्चा मां के शव से बंदर का बच्चा लिपट गया। मानो बंदर का बच्चा बार- बार जगाने का प्रयास कर रहा हो। यह वाक्या मंडला बिछिया के बंजारी से एक किमी दूर में देखने को मिला। दुर्घटना में बच्चा मां की मौत से अनजान उसके पास खेलता-कूदता रहा। देखने वाला हर कोई स्तब्ध था। बिछिया में फारेस्ट का एक कार्यालय बंजारी में स्थित है और बंजारी से महज एक किलोमीटर की दूरी पर यह दर्द विदारक घटना हुई। जिसमें दुर्घटना में एक मादा बन्दर की मृत्यु हो गई और उसका बच्चा मां की मौत से अनजान उसके पास खेलता-कूदता और अठखेलियां करता रहा।
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लोगों ने बिगाड़ी रास्ते में बंदरों की आदत
भुआ बिछिया से मंडला आते वक्त या इस सड़क से गुजरने वाले लोगों को आये दिन सड़क पर मृतक बंदर या घायल बन्दर मिल ही जाते हैं। इन बन्दरों की मौत का कारण भी उन्ही आने-जाने वाले लोग ही हंै। रास्ते में बंदरों को कुछ खिलाने का लालच दे दे कर सड़कों तक बुला लिया जाता है। ये अक्सर यहां पर हादसे का शिकार हो जाते हैं। वाहन चालक अपनी गाड़ी रोककर खाद्य सामग्री बन्दरों को खिलाई जाती है।
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ग्रामीणों का मानना है कि गलती हर उस आने जाने वाले व्यक्ति की है जो इन प्राणियों को खाद्य सामग्री देने के चक्कर में उनकी जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। वाहन चालकों को इस प्रकार की घटनाओं से सीख लेना चाहिए और अपने कर्तव्य का पालन करते हुए सड़क पर ऐसे लोग अगर मिल जाएं तो उनसे आग्रह कर बन्दरों को सड़क के पास कुछ भी खिलाने से मना करना चाहिए। वन विभाग को भी साइन बोर्ड आदि के माध्यम से लोगों को जागरूक करना चाहिए साथ ही कानूनी कार्यवाही भी करनी चाहिए।

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