मंडला. जानवरों में भी भावनाएं होती हैं। इंसान का रूप होता है। हादसे में बंदर की मौत के बाद उसका बच्चा शव के नजदीक ही रोता रहा। उसे मां की मौत का यकीन नहीं हुआ तो बार – बार जगाता भी रहा। वाहन की टक्कर लगने से मौत के बाद बच्चा मां के शव से बंदर का बच्चा लिपट गया। मानो बंदर का बच्चा बार- बार जगाने का प्रयास कर रहा हो। यह वाक्या मंडला बिछिया के बंजारी से एक किमी दूर में देखने को मिला। दुर्घटना में बच्चा मां की मौत से अनजान उसके पास खेलता-कूदता रहा। देखने वाला हर कोई स्तब्ध था। बिछिया में फारेस्ट का एक कार्यालय बंजारी में स्थित है और बंजारी से महज एक किलोमीटर की दूरी पर यह दर्द विदारक घटना हुई। जिसमें दुर्घटना में एक मादा बन्दर की मृत्यु हो गई और उसका बच्चा मां की मौत से अनजान उसके पास खेलता-कूदता और अठखेलियां करता रहा।
IMAGE CREDIT: patrikaलोगों ने बिगाड़ी रास्ते में बंदरों की आदत भुआ बिछिया से मंडला आते वक्त या इस सड़क से गुजरने वाले लोगों को आये दिन सड़क पर मृतक बंदर या घायल बन्दर मिल ही जाते हैं। इन बन्दरों की मौत का कारण भी उन्ही आने-जाने वाले लोग ही हंै। रास्ते में बंदरों को कुछ खिलाने का लालच दे दे कर सड़कों तक बुला लिया जाता है। ये अक्सर यहां पर हादसे का शिकार हो जाते हैं। वाहन चालक अपनी गाड़ी रोककर खाद्य सामग्री बन्दरों को खिलाई जाती है।
IMAGE CREDIT: patrika ग्रामीणों का मानना है कि गलती हर उस आने जाने वाले व्यक्ति की है जो इन प्राणियों को खाद्य सामग्री देने के चक्कर में उनकी जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। वाहन चालकों को इस प्रकार की घटनाओं से सीख लेना चाहिए और अपने कर्तव्य का पालन करते हुए सड़क पर ऐसे लोग अगर मिल जाएं तो उनसे आग्रह कर बन्दरों को सड़क के पास कुछ भी खिलाने से मना करना चाहिए। वन विभाग को भी साइन बोर्ड आदि के माध्यम से लोगों को जागरूक करना चाहिए साथ ही कानूनी कार्यवाही भी करनी चाहिए।
Home / Shahdol / हादसे में बंदर की मौत के बाद बच्चे को नहीं हुआ यकीन, घंटो रो- रोकर जगाता रहा, रुला देगी इस बंदर के बच्चे की कहानी