मुरारी सोनी शहडोल. पुराना वैट और तिमाही रिटर्न दाखिल न करने पर जीएसटी विभाग ने २६ बड़े व्यापारियों के खाते सीज कर दिए हैं। तीन दर्जन से अधिक डीलरों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। पुराना वैट जमा न करने पर ६० डीलरों के खाते सीज करने की कार्रवाई की जा रही है। जीएसटी लागू होने के तीन महिने का रिटर्न दाखिल न करने वाले शहर के २०० से अधिक व्यापारियों को नोटिस दिए गए हैं। सालाना २ करोड़ से अधिक टर्न ओवर वाले शहडोल शहर के १२, बुढ़ार के ४, उमरिया के ५, ब्यौहारी के ५ बड़े व्यापारियों के बैंक खाते सीज किए गए हैं। इन व्यापारियों ने वर्ष २०१६-२०१७ का वैट और वर्ष २०१७-१८ की प्रथम तिमाही का रिटर्न दाखिल नहीं किया है। कई नोटिस के बाद जब डीलरों ने टैक्स देने में रुचि नहीं दिखाई तो विभाग ने उनके बैंक खाते अटैच कर दिए हैं। विभागीय अधिकारियों की मानें तो शहर सहित जिले भर में एक सैकड़ा से अधिक ऐसे व्यापारी हैं, जिनका सालाना टर्नओवर २ करोड़ से ऊपर है और उन्होंने पुराना वैट नहीं दिया है। सभी को नोटिस भेजे गए थे। अब इनके खातों को सीज किया जाने लगा है।
इसके अलावा जीएसटी रिटर्न दाखिल न करने वालों की अचल संपत्ति जिसमें मकान, दुकान आदि को जब्त करने की कागजी कार्रवाई भी की जा रही है। जिले में ४ हजार से अधिक जीएसटी नंबर धारी व्यापारी हैं। जीएसटी लागू होने के बाद पिछली तिमाही अगस्त, सितंबर और अक्टूबर का ५० प्रतिशत रिटर्न ही दाखिल नहीं हुआ है।
पुलिस को तलब कर चुका हाईकोर्ट
नाबालिग को दस्तयाब करने एवं आरोपित की गिरफ्तारी में ढिलाई पर पुलिस को हाईकोर्ट ने तलब किया। मामले में महिला थाना प्रभारी व पुलिस अधीक्षक हाईकोर्ट में तलब हो चुके हैं। पुलिस अधीक्षक को कुछ पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए थे। पटेलों ने फरमान सुनाया कि गांव का युवक कहीं से भी कोई वापस नहीं भेजा जाता है चाहे वह बालिग हो या नाबालिग।
नोटिस पर नहीं दिया
ध्यान , तो सीज हो गए खाते
&२६ बड़े डीलरों के बैंक खाते सीज कर दिए गए हैं। कार्रवाई चल रही है, व्यापारियों को रिटर्न दाखिल करने के लिए नोटिस भी दिए गए थे। लेकिन नोटिस पर व्यापारियों ने ध्यान नहीं दिया इसलिए खाते सीज किए गए हैं।
प्रकाश सिंह, सहायक आयुक्त जीएसटी विभाग शहडोल।
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