scriptडीएमएफ मद की राशि में अधिकारियों का फर्जीवाड़ा | Officials forgery in amount of DMF item | Patrika News
शाहडोल

डीएमएफ मद की राशि में अधिकारियों का फर्जीवाड़ा

निर्माण कार्य में अनियमितता उजागर

शाहडोलMar 25, 2019 / 09:37 pm

lavkush tiwari

Officials forgery in amount of DMF item

Officials forgery in amount of DMF item

शहडोल. खनिज मद की राशि में निर्माण एजेंसियों की मनमानी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है, ऐसा ही एक मामला बुढ़ार जनपद क्षेत्र का सामने आया है, जिसमें इंजिनियरों ने मनमानी कार्य कराने के साथ ही निर्माण कार्य में नदी की चोरी की रेत और पत्थर बोल्डर का उपयोग कर राशि की हेराफेरी करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। वहीं अपने परिजनों के माध्यम से बिना इंजिनियरों की देखरेख में गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य कराया जा रहा है। जानकारी में बताया गया है कि लगभग 65 लाख रुपए की लागत से आरईएस विभाग द्वारा बुढ़ार जनवद क्षेत्र के कदौड़ी ग्राम पंचायत खपरखुटा नाले में लगभग 65 लाख रुपए की लागत से रपटा कम स्टाप डैम बनाने के लिए 18 अप्रैल 2017को डीएमएफ मद की राशि से निर्माण कार्य की स्वीकृति जिला पंचायत द्वारा दी गई थी और इस कार्य को कराने के लिए विभाग को एक साल का समय दिया गया था, लेकिन समय सीमा समाप्त होने के बाद भी वर्तमान समय में उक्त निर्माण कार्य अधूरा पड़ा हुआ है। इस मामले में सहायक यंत्री और उपयंत्री की मिली भगत से शासकीय राशि की हेरा फेरी की गई है।
मेटल की जगह बोल्डर और चोरी की रेत का उपयोग-
जानकारी में बताया गया है कि उक्त कार्य विभागीय कराया जाना था, लेकिन जवाबदारों ने अपने परिजनों को निर्माण कार्य का मनमानी ठेका देकर निर्माण कार्य कराया जा रहा है। बताया गया है कि बिना सीएसआर के जहां उक्त निर्माण कराया जा रहा है, वहीं नदी की चोरी की लाल रेत और नदी के चोरी का पत्थर और बोल्डर का उपयोग किया जा रहा है, जबकि रेत सोन नदी का उपयोग किया जाना एमबी में दर्ज किया गया है। जबकि निर्माण कार्य में उच्च क्वालिटी की रेत और मेटल 20 एमएम और 12 एमएम गिट्टी का उपयोग किया जाना था, लेकिन क्रेसर की जगह नदी से निकाले गए मटेरियल का उपयोग किया जा रहा है।
एमबी में गोलमाल-
जानकारी में बताया गया है कि विभाग के इंजिनियरों ने रपटा कम स्टाप डैम निर्माण कार्य में आरसीसी निर्माण कार्य में लीपापोती की वहीं पटल की खुदाई अधिक बताकर एमबी में ज्यादा पटल खुदाई और भराई बताकर मनमानी राशि आहरित की है। बताया गया है कि रपटा कम सटाप डैम निर्माण के बेस में 10 से 12 एमएम सरिया की जगह 8 से 10 एमएम का उपयोग किया गया है। इसी तरह से फाउंडेसन की गहराई 8 फिट की जगह 5 फिट रखी गई है। वहीं पिलर निर्माण में 16 एमएम की जगह 8-10 एमएम राड़ का उपयोग किया गया है।
कराई जाएगी जांच-
डीएमएफ मद से रपटा कम स्टाप डैम निर्माण मामले की शिकायत आई है, विभागीय कार्य में अनियमितता की जांच कराई जाएगी और इसके बाद जवाबदार इंजिनियरों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
एपी सिंह
एसई
आरईएस विभाग
संभाग शहडोल

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