शाहडोल

World Environment Day: भयावह होंगे प्रदूषण के परिणाम, महानगरों की तरह बढ़ रहा प्रदूषण

प्रदूषण रोकने के प्रयास नाकाफी

शाहडोलJun 05, 2019 / 11:37 am

amaresh singh

World Environment Day 2021: 5 जून को ही क्यों मनाया जाता है पर्यावरण दिवस, जानें इस साल की थीम और इससे जुड़ी जरूरी बातें

शहडोल। लगातार वृक्षों की कटाई और शहरी क्षेत्रों में वाहनों से हो रहे हाइड्रो कार्बन प्रदूषण से वायु मण्डल की फिजा में दिन प्रतिदिन कार्बन के साथ ही सल्फर डाई आक्साइड़, नाइट्रोजन, आक्साइड़, कार्बन मोनो आक्साइड़ की मात्रा बढ़ रही है। जिस पर रोक लगाने के लिए पर्यावरण प्रदूषण विभाग, नगरीय निकाय और कोल माइंस प्रबंधन तथा जिले में स्थापित ओपीएम प्रबंधन तथा परिवहन और खनिज विभाग अब तक कोई कारगर पहल नहीं किया है, जिससे आने वाले दिनों में स्थित भयावह होगी।

कोल माइंस क्षेत्र में हालात और गंभीर है

महानगरों की तरह जिले के कोल माइंस क्षेत्र में हालात और गंभीर हैं, जहां कोल माइंस की डस्ट और सिगड़ी के धुएं, तथा ओपीएम की चमनी से निकलने वाले धुएं व पावर प्लांट से निकलने वाली राखड़ और एैस के कारण क्षेत्र में लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है। इसके लिए अब तक शासन प्रशासन द्वारा पहल नहीं की जा रही है, जिससे बढ़ते प्रदूषण और बिगड़ते हालात पर काबू पाया जा सके। पर्यावरण प्रदूषण के जानकारों की मानें तो शहरी क्षेत्र में वाहनों से हाइड्रो कार्बन प्रदूषण बढ़ रहा है, शहरी क्षेत्र में दो तरह के प्रदूषक उत्सर्जित होतें हैं पहला ब्रेक कार्बन 10 माइकान से छोटे और दूसरा 2.5 माईकान प्रति मीटर लेकिन नगर के बस स्टैंड, यातायात कार्यालय, गांधी चौक, पुराना बस स्टैंड, बुढ़ार चौक बुढ़ार बाईपास, नरसरहा क्षेत्र में इसकी मात्रा बढ़ती रहती है। इसकी वजह खराब वाहन और अनमेंटेन वाहनों की बढ़ती संक्ष्या के कारण कार्बन की मात्रा आक्सीजन में लगातार बढ़ती जा रही है।

घर जाने से मना किया तो युवक ने पत्नी और ससुर की कर दी हत्या


कोल माइंस क्षेत्र में 100 की जगह 150 माइकान के कण
पर्यावरण के जानकारों के अनुसार कोयलांचल क्षेत्र धनुपरी और अमलाई सहित कोल माइंस क्षेत्र में पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के इंतजाम नहीं होने से क्षेत्र में निकलने वाली डस्ट और सिगड़ी के धुएं और गुबार के कारण वायुमण्डल में मानक से अधिक साइज के सूक्ष्म कण बढऩे से वातावरण लगातार प्रदूषित हो रहा है। बताया गया है कि 100 माइक्रो ग्राम प्रतिघन मीटर रेस्पाइरेवल पर्टीकुलेट मैटर सूक्ष्म वायु प्रवाही धूल के कण की जगह लगभग 150 माइक्रो ग्राम घन मीटर धूल के कण हवा के साथ प्रवाहित होने से प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। इस पर रोक लगाने के लिए कोल माइंस द्वारा डस्ट कन्टेन्मेंटवाल, रोड़ स्विटिंग मशीन, डस्ट सेंटलर और स्प्रिंकलरतक की व्यवस्था नहीं कराई गई है,जिससे बढ़ते प्रदूषण पर रोक लगाई जा सके।

यह भी पढ़ें एक माह से पानी के लिए तरस रहे रहवासी, बंद हो चुके हैं पांचों पंप

घटती वृक्षों की संख्या के कारण लगातार बढ़ रहा प्रदूषण
सात हजार पौधे एक टन अवशोषित करते हैं कार्बन प्रदूषण, 2.50 टन देते हैं आक्सीजन-जानकारी में बताया गया है कि शहरी क्षेत्र में लगातार घटती वृक्षों की संख्या के कारण प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। जानकारों की मानें तो शहर में प्रदूषण को रोकने और कार्बन को अवशोषित करने के लिए शहरों में वृक्षारोपण कराना आवश्यक है, बताया गया है कि सात हजार पौधे प्रतिदिन एक टन कार्बन प्रदूषण अवशोषित करते हैं और हमें श्वांस लेने के लिए 2.5 टन आक्सीजन दिया करते हैं। इसलिए शहर के तालाबों और सड़कों पर अधिक से अधिक पौधरोपण करना आवश्यक है।


पौधरोपण जरुरी
लगातार बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए पौधरोपण जरुरी है, कोल माइंस क्षेत्र में गंभीर हालात हैं जहां वर्तमान समय में लगभग 100 मइक्रोग्राम की जगह लगभग 1.50 माइक्रोग्राम धूल के कण वायुमण्डल में मिलने से प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। इस भयावह स्थिति को रोकने विभाग के अलावा एसईसीएल और औद्योगिक इकाइयों को पौधरोपण कराना जरूरी है।
डा. एसबी तिवारी सेवा निवृत्त वैज्ञानिक पर्यावरण प्रदूषण विभाग

Hindi News / Shahdol / World Environment Day: भयावह होंगे प्रदूषण के परिणाम, महानगरों की तरह बढ़ रहा प्रदूषण

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.