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शाहडोल

हर माह अन्न उत्सव, अधिकारियों की निगरानी, फिर भी 33 हजार परिवारों को नहीं मिला राशन

राशन वितरण प्रणाली पटरी पर नहीं आ रही है

शाहडोलSep 25, 2021 / 12:15 pm

amaresh singh

Hundreds of quintals of grain not distributed in dozens of ration shop

Hundreds of quintals of grain not distributed in dozens of ration shop

शहडोल. जिले में लडखड़़ाई राशन वितरण प्रणाली पटरी पर नहीं आ रही है। कहीं राशन दुकानों में प्रति सदस्य सिर्फ पांच किलो राशन दिया जा रहा है तो कहीं पर दुकानें ही नहीं खुल रही है। जिले में 33 हजार से ज्यादा लोगों को इस माह राशन नहीं मिला है। जिले में राशन दुकानें समय से नहीं खुलती है। इसके चलते हितग्राहियों को राशन के लेने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिले में प्रत्येक सात तारीख को अन्न उत्सव और प्रशासनिक व्यवस्थाओं में की जा रही तैयारियों के बाद भी जिले में अभी 33 हजार से ज्यादा परिवार राशन से वंचित हैं। अधिकारियों की कमजोर मॉनिटरिंग की वजह से लोगों को राशन नहीं मिल पा रहा है। जिले में खाद्यान्न वितरण की रफ्तार धीमी है। इसी के चलते अभी तक इतनी बड़ी संख्या में हितग्राहियों को राशन नहीं मिल पाया है। जिले में 2 लाख 6 हजार 536 राशन लेने वाले परिवार हैं। इसमें 1 लाख 72 हजार 703 परिवारों को राशन का वितरण हुआ है। बाकी के हितग्राही और उनका परिवार राशन के लिए इंतजार कर रहा है।
मनमानी: बंद रहती हैं राशन दुकानें
हितग्राहियों को अभी तक राशन नहीं मिलने का प्रमुख कारण जिले में राशन दुकानों का नहीं खुलना है। जिले में राशन दुकानें अधिकतर समय बंद रहती हैं। हितग्राही जब राशन लेने दुकान पर पहुंचते हैं तो दुकान में ताला लटका मिलता है। इससे परेशान होकर हितग्राही वापस लौट जाते हैं। कई बार समय से दुकानें नहीं खुलती है जब हितग्राही दुकान पर जाते हैं तो उस समय दुकान खुली रहती है जब वापस लौट जाते हैं तो दुकान खोली जाती है। इस तरह राशन दुकान संचालक मनमर्जी से दुकान का संचालन करते हैं। इसका खामियाज गरीब हितग्राहियों को भुगतना पड़ता है। इसको लेकर राशन हितग्राहियों में नाराजगी व्याप्त है।
हितग्राहियों का कहना है कि राशन दुकान संचालक मनमर्जी से राशन दुकान खोलते हैं। दुकान पर जाने पर वहां ताला लटका मिलता है। ऐसे में जिले में राशन बांटने की प्रक्रिया धीमी है। इसकी वजह से हितग्राहियों को राशन अभी तक नहीं बंट पाया है।

केरोसिन और शक्कर की कालाबाजारी
जिले में राशन हितग्राहियों के लिए 276केएल केरोसिन और 41.5 मिट्रिक टन शक्कर का आवंटन हुआ है। इसमें से कितना कोरोसिन तथा शक्कर हितग्राहियों को बांटा जा चुका है। इसकी जानकारी खाद्यान्न विभाग के अधिकारियों के पास नहीं है। सबसे ज्यादा कालाबाजारी केरोसीन और शक्कर की हो रही है। राशन दुकानों से सीधे व्यापारियों के यहां इसका सौदा कर दिया जाता है। गिनती की राशन दुकानों में केरोसीन और शक्कर दिया जा रहा है। ऐसे में जिले में केरोसिन और शक्कर की कालाबाजारी चल रही है। हितग्राहियोंं को भले की केरोसिन और शक्कर नहीं मिलता तो लेकिन ब्लैक में यह बाजार में बिक जा रहा है लेकिन अधिकारी गंभीर नहीं हैं।

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