इस परियोजना के प्रमुख शू फुक्शियांग ने चीन के सरकारी समाचार पत्र चाइना डेली को बताया कि यह उपग्रह समुद्री वातावरण, द्वीपों, जहाजों और तेल संपदा की निगरानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। गाओफेन 2 जैसा उपग्रह देश के समुद्री अधिकारों और हितों की रक्षा करने में काफी फायदेमंद साबित होगा। पिछले माह हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण ने दक्षिण चीन सागर पर चीन के दावे के खिलाफ फैसला सुनाया था लेकिन चीन ने इसे मानने से इंकार कर दिया। इसके बाद इस क्षेत्र में तनाव बढऩे की आशंका बढ़ गई है।
चीन दक्षिण चीन सागर के विवादित स्प्रैटली द्वीप पर अपना दावा जताता है जबकि वियतनाम, ताइवान, फिलीपींस, मलेशिया और ब्रूनेई भी इस पर अपना दावा जताते है। दक्षिण चीन सागर के जरिए प्रत्येक वर्ष पांच ट्रिलियन डॉलर का व्यापार होता है।