स्कूलों को करना होगा रजिस्टर दुरूस्त, कमी मिलने पर आरटीओ व स्कूल प्रबंधन से कर सकते हैं सीधे शिकायत
शाहडोल•Sep 13, 2019 / 09:12 pm•
brijesh sirmour
शहडोल. स्कूली वाहनों को लेकर परिवहन विभाग की नई गाइडलाइन के तहत स्कूली वाहनों की निगरानी की जिम्मेदारी अब परिवहन विभाग के साथ ही स्कूल प्रबंधन, शिक्षक पालन संघ एवं बच्चों के अभिभावकों की भी होगी। इसके लिए क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए है। जिसमें माता-पिता के अलावा स्कूल प्रबंधन, पुलिस और वाहन मालिकों की जिम्मेदारियां तय कर दी गई है। बताया गया है कि अभिभावकों को वाहनों की जांच में यदि कमी मिलती है तो वह स्कूल प्रबंधन या आरटीओ से सीधे शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा स्कूल प्रबंधन को भी स्कूली वाहनों का रजिस्टर दुरूस्त रखना होगा। ताकि आवश्यकता पडऩे पर संबंधित वाहनों की जानकारी तुरंत उपलब्ध हो सके। यह भी बताया गया है कि स्कूलों में शिक्षक पालन संघ में अब विशेष रूप से उन अभिभावकों को रखा जाएगा, जिनके बच्चे स्कूल बस का उपयोग करते हैं। बताया गया है कि नई गाइड लाइन में ऑटो को भी स्कूली वाहन में शामिल किया गया है। इसमें चालक के अतिरिक्त छह सवारियां बैठाने की अनुमति होगी। रजिस्ट्रेशन शुल्क पांच रुपए रखा गया है।
इस तरह अभिभावक निभाएं जिम्मेदारी
-जिस स्कूली बस या वाहन से बच्चा जा रहा है, उसकी जांच करें। यदि कोई कमी मिलती है तो आरटीओ या स्कूल प्रबंधन को जानकारी दें।
-स्कूली वाहन के चालक परिचालक से लायसेंस, परमिट सहित अन्य दस्तावेज चेक करें। यदि ड्रायवर कंडक्टर से संबंधित कोई शिकायत है तो स्कूल प्रबंधन को सूचित करें।
-समय पर बच्चे को बस तक छोडऩे जाएं, जिससे सडक़ पर जाम नहीं लगे।
इनका कहना है
नई गाइड लाइन के तहत स्कूल प्रबंधन, वाहन मालिकों, पुलिस और अभिभावकों की जिम्मेदारियां तय कर दी गई है। यदि इसमें किसी भी प्रकार की कमी पाई जाती है तो इसकी शिकायत आरटीओ व स्कूल प्रबंधन से अभिभावक कर सकते हैं।
आशुतोष भदौरिया, आरटीओ, शहडोल