विलुप्त हो रही कला
संशासन के अभाव के कारण अब जिले से धीरे-धीरे पहलवानी की कला विलुप्त होने की कगार पर है, जबकि इस ब्यायाम शाला में देश के कोने कोने से पहलवान आकर नागपंचमी में होने वाले दंगल में प्रदर्शन कर चुके हैं। वहीं लगभग 50 से अधिक नामी गिरामी पहलवानों ने पहलवानी की कला सीखी है, लेकिन अब यह कला विलुप्त होने की स्थिति में पहुंच गई है।
नहीं मिली कहीं से मदद
इस संबंध में व्यायाम शाला व्यवस्थापक मूूूूूूूलचन्द्र बाधवानी ब्यायाम शाला का अखाड़ा तीन साल से क्षतिग्रस्त होने के कारण बंद है, जिससे यहां आने वाले पहलवानी का दांव पेंच सीखने वालों को सुविधा नहीं मिल रही है। इसके रखरखाव और मरम्मत के लिए प्रशासनिक अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों से कई बार मांग की लेकिन मदद नहीं मिली। संसाधन के अभाव के कारण पहलवानी की कला विलुप्त हो रही है।