साल आत्महत्या
2017 229
2018 191
2019 84
(जिला क्राइम रिकार्ड के आंकड़े) किसी ने लगाई फांसी तो कोई खाया जहर
फांसी -70 फीसदी
जहर -10 फीसदी
ट्रेन से कटकर -15 फीसदी
आग लगाकर -5 फीसदी
क्राइम रिकार्ड के अनुसार, आत्महत्या के मामलों में युवा और महिलाएं सबसे ज्यादा हैं। युवाओं में पढ़ाई का तनाव, आर्थिक परेशानियां और प्रेम प्रसंग वजह बन रही हैं। उधर महिलाओं के खुदकुशी के अधिकांश मामलों में ससुराल पक्ष की प्रताडऩा और घरेलु कलह सामने आई हैं। 2017 से लेकर अब तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो 504 आत्महत्या के मामलों में 60 प्रतिशत से ज्यादा सिर्फ युवा वर्ग शामिल है। इसमें सबसे ज्यादा 15 से 40 साल तक के युवक और युवतियों ने खुदकुशी कर मौत को गले लगाया है।
बच्चों के साथ पिता ने की आत्महत्या
पपौंध थाना के गाजर गांव में एक युवक ने फांसी लगाकर खुदकुशी की थी। पुलिस जांच में पारिवारिक तनाव सामने आया है। 23 अगस्त को बिहारी गोड़ ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।
फांसी लगाकर युवक ने की खुदकुशी
शहडोल के जैतपुर कुडेली गांव में एक युवक ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। बताया गया कि युवक हरी यादव ने तीन दिन पहले घर के नजदीक फांसी लगाकर आत्महत्या की है। युवक काफी दिन से तनाव में था।
टे्रन रवाना होते ही पटरियों में रख दिया सिर
दो दिन पहले ही रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म तीन में रविवार को एक अधेड़ ने आत्महत्या कर ली। टे्रन के सामने अधेड़ ने पटरियों पर अपना सिर रख दिया था। अधेड़ की पहचान अरूण कुमार रजक के रूप में की गई।
पिछड़े ढाई साल में पांच सैकड़ा से ज्यादा लोगों ने खुदकुशी की है। हाल ही में पुलिस ने समीक्षा की तो सामने आया कि तनाव, आर्थिक परेशानी के अलावा बीमारी से तंग और घरेलु कलह की वजह से खुदकुशी की है। हम लगातार समीक्षा कर रहे हैं। ऐसे मामलों में लोगों को काउंसलिंग करने का भी प्रयास करते हैं।
अनिल सिंह कुशवाह, एसपी शहडोल