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बड़ा खुलासा: लखनऊ कोर्ट में समर्पण करने की तैयारी में थे कमलेश तिवारी के हत्यारे, लेकिन ATS से ‘डील’ के बाद बदल लिया था प्लान…

locationशाहजहांपुरPublished: Oct 24, 2019 01:33:58 pm

Submitted by:

suchita mishra

शाहजहांपुर पहुंचकर अशफाक ने पत्नी के मोबाइल पर किया था फोन। बातचीत में परिजनों ने कही थी गुजरात एटीएस से ‘डील’ होने की बात।

अशफाक हुसैन व मोइनुद्दीन पठान

अशफाक हुसैन व मोइनुद्दीन पठान

शाहजहांपुर। कमलेश तिवारी हत्याकांड में एक बहुत बड़ा खुलासा हुआ है। कमलेश तिवारी के दोनों हत्यारे अशफाक हुसैन व मोइनुद्दीन पठान 21 अक्तूबर को लखनऊ कोर्ट में समर्पण करने की तैयारी में थे। इसीलिए वे 20 अक्टूबर की रात को शाहजहांपुर पहुंचे थे। लेकिन शाहजहांपुर में अशफाक हुसैन की अपनी पत्नी व पिता से फोन पर बातचीत हुई। इस बातचीत में अशफाक के पिता ने गुजरात एटीएस से ‘डील’ होने की बात कहते हुए गुजरात आने के लिए कहा। इसके बाद दोनों आरोपियों ने समर्पण करने का मन बदल लिया और शाहजहांपुर से गुजरात के लिए निकल पड़े। मंगलवार शाम को उन्हें गुजरात जाते समय राजस्थान बार्डर से लगे अरवल्ली जिले के शामलाज में गुजरात एटीएस ने गिरफ्तार कर लिया।
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दरअसल ये पूरा जाल गुजरात एटीएस ने जानबूझकर बिछाया था। जिसमें दोनों आरोपी फंस गए। 20 अक्टूबर को अशफाक के पिता और उसकी पत्नी की एटीएस के एक अधिकारी से बातचीत हुई थी। इस बातचीत के आधार पर अशफाक के पिता को लगा कि उनका बेटा बच जाएगा। 20 अक्तूबर की रात में अपने साथी मोइनुद्दीन पठान के साथ शाहजहांपुर पहुंचे अशफाक ने अपनी पत्नी के मोबाइल पर फोन किया। फोन पर अशफाक की पत्नी व पिता ने दोनों को एटीएस से बातचीत का हवाला देते हुए गुजरात आने के लिए कहा।
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अशफाक को बातचीत से लगा कि एटीएस से डील हो गई है। इसके बाद अशफाक हुसैन व मोइनुद्दीन पठान ने समर्पण का इरादा बदल लिया और दोनों यूपी से राजस्थान के रास्ते होते हुए गुजरात के लिए रवाना हो गए। बातचीत के बाद अशफाक और उसकी पत्नी का मोबाइल ATS ने अपने कब्जे में ले लिया। 21 अक्टूबर को गुजरात के पास पहुंचकर जब अशफाक ने अपने परिवार से संपर्क किया तो एटीएस की टीम सक्रिय हो गई और दोनों को गाड़ी से एक पहाड़ी के पास पेट्रोल पंप के किनारे बुलवाया। वहां से एटीएस उनको साथ लेकर गुजरात मुख्यालय चली गई। अशफाक की परिवार से बातचीत का कुछ ब्योरा सामने आया है।
अशफाक और उसके परिवार के बीच ये हुई थी बातचीत

पत्नी: हैलो।
अशफाक: हैलो हां मीनू।
पत्नी: कहां हो मेरी जान, कहां हो।
अशफाक: हम लोग कल लखनऊ पहुंच जाएंगे। पापा को बोल दीजिए।
पत्नी: हां पापा साथ में हैं। पर प्लीज तुम यहां आ जाओ। हम यहां से प्रोसेस करेंगे, हम सब करके रखे हैं तुम्हारे लिए।
अशफाक: पॉसिबल नहीं है।
पत्नी: क्यों पासिबल नहीं है। हां है पापा हमारे साथ, लो पापा से बात कर लो।
जाकिर (पिता): हां बेटा अल्लाह साथ है। हमारा अच्छा होगा। कुछ भी करके यहां आ जाओ तेरा भी अच्छा होगा। यहां आ जाओ बेटा, नहीं तो हम कैसे भी करके वहां से तुमको लेने आ जाएं।
अशफाक: हम लोग जा रहे हैं, शाहजहांपुर में रुके हैं, कल लखनऊ पहुंचेंगे।
जाकिर: वहां मत जाओ बेटा, ए साइड आ जाओ। उन लोगों ने न बोला है। हम वहां होके आए हैं। बेटा यहां आ जाओ। यहां एटीएस से बात हो गई है। उन्होंने कहा कि हम सब करा देंगे। फोन पत्नी ले लेती है।
अशफाक: हैलो बाद में फोन करता हूं।
पत्नी: लेकिन फोन करना हां प्लीज।
अशफाक: दूसरे का फोन है।
पत्नी: यहां आ जाओ, फोन करोगे न आओगे न कल। तुम अच्छे हो।
अशफाक: अल्लाह का शुक्र है।
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