दरअसल लखीमपुरखीरी के थाना पसगवां के जगंबहादुरगंज निवासी शिवपाल अपनी 35 वर्षीय पत्नी राम कन्या को प्रसव पीड़ा होने पर जिला महिला अस्पताल लाया था। पीड़ित पति के मुताबिक जब वो अपनी पत्नी को जिला अस्पताल लाया तो वो दर्द से कहरा रही थी। उसने डॉक्टर रोशी गजाला से पत्नी को भर्ती करने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने साफ इंकार कर दिया।
Must Read – नोटबंदी के बाद जीएसटी के झटके से जरी उद्योग के धागों की गांठ ऐसी खुली कि आज तक न जुड़ सकी इतना ही नहीं डॉक्टर और नर्स ने उससे बदसलूकी कर उसे अस्पताल से बाहर भगा दिया। पत्नी को प्रसव पीड़ा बढ़ती ही जा रही थी। ऐसे में साथ आई आशा ने पत्नी को जिला अस्पताल के बाहर जमीन पर लिटा दिया। जहां वह दर्द से एक घंटे तक तड़पती रही। महिला को दर्द से कराहता देख आसपास लोगों की भीड़ जमा हो गई। गुस्साए लोगों ने डॉक्टर की शिकायत महिला सीएमएस रनजीत दीक्षित से की। सूचना मिलते ही सीएमएस ने दर्द से कहराती महिला से बात की, साथ ही डॉक्टर से भी बात की। डॉक्टर ने अपने उपर लगे सभी आरोपों को गलत बताया। साथ ही कहा कि वे उस समय लेबर रूम में थीं। इसके बाद सीएमएस ने महिला को अस्पताल में भर्ती कराया। करीब बीस मिनट के बाद महिला ने बच्चे को जन्म दे दिया।
महिला सीएमएस रनजीत दीक्षित का कहना है कि गर्भवती महिला के साथ आई आशा मरीज को बाहर लेकर गई थी। डॉक्टर उस वक्त लेबर रूम में थी। Read it – लोकसभा चुनाव 2019 से पहले यूपी के हर निकाय में लगेगी पं. दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा