जुगाड़बाजी करके उतारे प्रत्याशी दरअसल निकाय चुनाव के आरक्षण के बाद जिले भर में तमाम राजनीतिक दिग्गजों के इरादों पर उस वक्त पानी फिर गया, जब उनके निर्वाचन क्षेत्र को किसी ख़ास वर्ग के लिए निर्वाचन आयोग ने आरक्षित कर दिया। इस आरक्षण सूची की घोषणा के बाद जिले के तमाम नेताओं की राजनीतिक दुकान बंदी के कगार पर पहुंच गयी। इसके बाद इन नेताओं ने जुगाड़बाजी कर अपने किसी आस -पड़ोसी या फिर मजदूर को तैयार कर चुनाव मैदान में उतारा है।
ये हाल है आपको बता दें कि जिले में नगरपालिका परिषद पुवायां, काँट, अल्लाहगंज में बसपा को प्रत्याशी नहीं मिले हैं। कांग्रेस को कटरा और पुवायाँ में प्रत्याशी नहीं मिले। सपा, बसपा और कांग्रेस को जो भी प्रत्याशी मिले, उनमें नगर पालिका परिषद शाहजहांपुर से सपा प्रत्याशी जहाँआरा बेगम, बसपा प्रत्याशी हसीन और कांग्रेस प्रत्याशी नसरीन अनपढ़ हैं। रोजा नगर पंचायत में सपा प्रत्याशी रुक्मिणी देवी, कांग्रेस प्रत्याशी कमला देवी और बसपा प्रत्याशी जैबुन्निशा अंगूठा टेक है। कटरा नगर पंचायत से बसपा प्रत्याशी बसपा प्रत्याशी नीलम अनपढ़ है।
पद का दुरुपयोग आपको बता दें कि आरक्षण की घोषणा के बाद पिछले कई चुनावों में नेताओं के समीकरण गड़बड़ा गए। जिला पंचायत सदस्य, ब्लॉक प्रमुख ,ग्राम प्रधान के चुनाव में जिले के कई नेताओं ने अपने अपने मजदूर, पड़ोसी को चुनाव लड़ाया और जीत हासिल कर खुद जीते हुए प्रत्याशी के पद का पिछले कई सालों से दुरुपयोग कर रहे हैं।