चायना डोर के उपयोग से जहां दुष्प्रभाव पड़ता है, वहीं प्रशासन द्वारा भी इसके उपयोग को लेकर सख्ती बरती जा रही है।
शाजापुर•Dec 27, 2018 / 12:53 am•
Lalit Saxena
चायना डोर के उपयोग से जहां दुष्प्रभाव पड़ता है, वहीं प्रशासन द्वारा भी इसके उपयोग को लेकर सख्ती बरती जा रही है।
शाजापुर. चायना डोर के उपयोग से जहां दुष्प्रभाव पड़ता है, वहीं प्रशासन द्वारा भी इसके उपयोग को लेकर सख्ती बरती जा रही है। बुधवार को पुलिस और प्रशासन की टीम ने संयुक्त रूप से दल बनाकर नगर के पतंग व्यापारियों की दुकानों का भ्रमण चायना डोर की जांच की। कहीं पर चायना डोर का विक्रय तो नहीं मिला, लेकिन अधिकारियों ने व्यवसायियों को समझाइश और चेतावनी दी कि वे डोर का विक्रय या उपयोग न करें और न करने दें।
नगर में पतंगबाजी को लेकर खासा उत्साह रहता है और दो माह से नगरवासी पतंगबाजी शुरू कर देते हैं। लेकिन पिछले कुछ सालों से चायना डोर का उपयोग बढ़ गया है और नगरवासी अन्य मांजों के बजाए चायना डोर का उपयोग ज्यादा करने लगे हैं। डोर के कारण पक्षियों के साथ नगरवासियों को भी खतरा बढ़ गया है। इससे कई बार हादसे भी हो चुके हैं। गत वर्ष ही एक मासूम अपने पिता के साथ बाइक पर जाते समय चायना डोर में उलझकर गंभीर रूप से घायल हो गया था। वहीं कई पक्षी भी इसमें उलझकर प्राण गंवा चुके हैं। कोतवाली टीआइ केएल दांगी ने बताया संयुक्त रूप से टीम ने नगर की पतंग दुकानों का भ्रमण किया है। कहीं भी चायना डोर नहीं मिली, आगे भी जांच की जाएगी।
कलेक्टर ने भी दिए प्रतिबंध के आदेश
इस वर्ष प्रशासन द्वारा भी चायना डोर के उपयोग को लेकर प्रशासन द्वारा भी सख्ती बरती जा रही है। कलेक्टर श्रीकांत बनोठ ने भी आदेश में चायना डोर के विक्रय पर प्रतिबंध लगा दिया है। जारी आदेश में कलेक्टर ने कहा जिले में मकर संक्रांति पर्व पर पतंगबाजी करने की परंपर है। साथ ही वतर्मान में भी पतंगबाजी में चायना डोर का उपयोग हो रहा है। डोर के कारण विभिन्न घातक दुर्घटनाएं सामने आई हैं। दुर्घटनाओं को देखते हुए चायना डोर के उपयोग का 18 दिसंबर से 31 जनवरी 2019 तक प्रतिबंध लगाया है। इस अवधि में कोई भी व्यक्ति पतंगबाजी के लिए चायना डोर का उपयोग एवं संग्रहण नहीं कर सकेगा। साथ ही पतंगों की दुकानों पर चायना डोर न तो विक्रय के लिए रखी जा सकेगी और ना ही विक्रय किया जा सकेगा। धारा 144 के तहत लगाए गए प्रतिबंध लोकहित में एक पक्षीय रूप से जारी किए गए हैं। कोई भी व्यक्ति आदेश का उल्लंघन करता है तो उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
शाजापुर कोतवाली, लालघाटी थाना और सुनेरा पुलिस बड़े मामले के खुलासे में लगी हुई है। हालांकि कोई भी पुलिस अधिकारी खुलकर कुछ भी नहीं कह रहा है, लेकिन विभागीय सूत्रों की मानें तो पुलिस ने 3 पारदी समाज के लोगों को पकड़ा है। इनसे जिले में वर्ष 2018 में हुई चोरियों सहित आसपास के जिलों की चोरियों का खुलासा होने की संभावना है। साथ ही पकड़ाए पादरियों से लाखों रुपए का माल भी बरामद होने की संभावना जताई जा रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले में जल्द खुलासा हो सकता है।
जानकारी के अनुसार उज्जैन क्षेत्र के तीन पारदी पुलिस की गिरफ्त में आए हैं। इनसे पूछताछ में कई चोरियों के राज खुल गए हैं। हालांकि ये पारदी पुलिस की गिरफ्त में कब आए और इन्होंने अभी तक पूछताछ में क्या राज उगले हैं इसकी जानकारी कोई नहीं बता रहा। कुछ दिनों से कुछ लोग थानों के चक्कर भी लगा रहे हैं। इन लोगों का कहना है उनके परिजन पिछले 10-12 दिन से लापता है। संभावना है कि पुलिस ने जिन्हें पकड़ा है वो ही उनके परिजन हैं। हालांकि स्थिति किसी को भी स्पष्ट नहीं है। बताया जाता है कि पारदी गैंग के सदस्य लंबे समय से जिले सहित आसपास के क्षेत्र में वारदातों को अंजाम दे रहे थे। इन्हें पकडऩे में पुलिस को सफलता मिली है। शहर सहित जिले व आसपास के क्षेत्र की बड़ी चोरियों की वारदात भी इन पारदियों ने कबूली है। पुलिस की मानें तो जल्द ही इस मामले का खुलासा किया जाएगा।